क्या जीआईएमएस को मेडिकल टूरिज्म और हेल्थकेयर इनोवेशन हब के रूप में विकसित किया जा सकता है?

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क्या जीआईएमएस को मेडिकल टूरिज्म और हेल्थकेयर इनोवेशन हब के रूप में विकसित किया जा सकता है?

सारांश

उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव अमित कुमार घोष का ग्रेटर नोएडा स्थित जीआईएमएस का दौरा, जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त बनाने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए। क्या यह संस्थान मेडिकल टूरिज्म और हेल्थकेयर इनोवेशन का केंद्र बनेगा?

Key Takeaways

  • चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त बनाने पर जोर।
  • जीआईएमएस की उपलब्धियों की सराहना।
  • कैथ लैब और ट्रॉमा सेंटर की स्थापना के निर्देश।
  • प्रदेश के अन्य अस्पतालों में गुणवत्ता मानकों को अपनाने की आवश्यकता।
  • जीआईएमएस को मेडिकल टूरिज्म और हेल्थकेयर इनोवेशन का केंद्र बनाने की योजना।

ग्रेटर नोएडा, २२ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव (चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा) अमित कुमार घोष ने गवर्नमेंट इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (जिम्स), ग्रेटर नोएडा का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने संस्थान में एक उच्चस्तरीय रणनीतिक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। यह उनका जीआईएमएस का पहला आधिकारिक दौरा था, जिसमें उन्होंने चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में कई अहम सुझाव और निर्देश दिए।

बैठक जीआईएमएस निदेशक के बोर्ड रूम में आयोजित की गई, जिसमें अपर्णा यू, आईएएस, सचिव – चिकित्सा शिक्षा एवं महानिदेशक, चिकित्सा शिक्षा; डॉ. चन्दन सोनी, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, गौतमबुद्धनगर; ब्रिगेडियर (डॉ.) राकेश गुप्ता, निदेशक जीआईएमएस; मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, चिकित्सा अधीक्षक, डीन (क्वालिटी) एवं मेडिकल इनक्यूबेशन सेंटर के सीईओ उपस्थित रहे।

बैठक के दौरान ब्रिगेडियर (डॉ.) राकेश गुप्ता ने संस्थान की उपलब्धियों का विस्तार से प्रस्तुतीकरण किया। उन्होंने चिकित्सा शिक्षा, अनुसंधान और स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में जीआईएमएस द्वारा किए गए उल्लेखनीय कार्यों की जानकारी दी। कोविड-19, डेंगू और अन्य जनस्वास्थ्य आपात स्थितियों में संस्थान की सक्रिय भूमिका, सुपर स्पेशलिटी ओपीडी और क्रिटिकल केयर सेवाओं में हो रहे सुधारों को विशेष रूप से रेखांकित किया गया।

अपर मुख्य सचिव घोष ने जीआईएमएस टीम के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि संस्थान ने एनएबीएच और एनएबीएल मानकों के अनुरूप उत्कृष्ट कार्य किया है। उन्होंने सुझाव दिया कि ऐसे गुणवत्ता मानकों को प्रदेश के अन्य सरकारी अस्पतालों में भी अपनाया जाना चाहिए, ताकि सभी मरीजों को समान गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त हो सकें।

उन्होंने जीआईएमएस में कैथ लैब और ट्रॉमा सेंटर की स्थापना के निर्देश दिए तथा नर्सिंग कॉलेज की सीट क्षमता बढ़ाने और सरकारी अस्पतालों में डिप्लोमेट ऑफ नेशनल बोर्ड कार्यक्रम शुरू करने पर बल दिया, ताकि विशेष चिकित्सा शिक्षा को और प्रोत्साहन मिल सके। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि जीआईएमएस की स्थिति आगामी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निकट होने से इसे चिकित्सा पर्यटन और स्वास्थ्य देखभाल नवाचार केंद्र के रूप में विकसित किया जा सकता है।

उन्होंने मेडिकल एजुकेशन यूनिट की भी सराहना की, जिसने फैकल्टी विकास और शिक्षण की गुणवत्ता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके अलावा, येलो फीवर वैक्सीनेशन सेंटर की स्वीकृति को सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि बताया गया। घोष ने इसे प्रदेश के स्वास्थ्य अभियानों के माध्यम से व्यापक स्तर पर प्रचारित करने के निर्देश दिए।

इस दौरे के माध्यम से उत्तर प्रदेश सरकार ने यह संदेश दिया है कि राज्य की चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को वैश्विक मानकों के अनुरूप विकसित करने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। जीआईएमएस, ग्रेटर नोएडा को इस दिशा में एक महत्वपूर्ण मॉडल संस्थान के रूप में विकसित करने की योजना पर भी सहमति बनी।

Point of View

जो न केवल राज्य बल्कि देश के स्वास्थ्य क्षेत्र को भी सशक्त बना सकता है।
NationPress
22/10/2025

Frequently Asked Questions

जीआईएमएस क्या है?
जीआईएमएस, ग्रेटर नोएडा में स्थित एक प्रमुख चिकित्सा संस्थान है जो चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में उत्कृष्टता के लिए जाना जाता है।
अपर मुख्य सचिव ने जीआईएमएस के दौरे के दौरान क्या कहा?
उन्होंने जीआईएमएस की उपलब्धियों की सराहना की और स्वास्थ्य सेवाओं को विकसित करने के लिए कई सुझाव दिए।
क्या जीआईएमएस मेडिकल टूरिज्म का केंद्र बन सकता है?
हां, जीआईएमएस की स्थिति और सुविधाओं के आधार पर इसे मेडिकल टूरिज्म और हेल्थकेयर इनोवेशन हब के रूप में विकसित किया जा सकता है।