क्या लालू यादव ने वंशवाद की राजनीति की? तेजस्वी मजहबी सियासत कर रहे हैं: गिरिराज सिंह

सारांश
Key Takeaways
- गिरिराज सिंह ने तेजस्वी यादव को 'नमाजवादी' नेता कहा।
- लालू यादव की वंशवाद की राजनीति पर उठाए सवाल।
- पश्चिम बंगाल की स्थिति पर भी चिंता व्यक्त की।
नई दिल्ली, 30 जून (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने सोमवार को विपक्षी नेताओं पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। बिहार की राजधानी पटना में वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ तेजस्वी यादव की रैली पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव अब समाजवादी नहीं, बल्कि 'नमाजवादी' नेता बन गए हैं।
समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से विशेष बातचीत में गिरिराज सिंह ने यह आरोप लगाया कि लालू प्रसाद यादव ने वंशवाद की राजनीति की नींव रखी और अब उनके बेटे तेजस्वी यादव उसी मार्ग पर चलकर समाजवाद की आड़ में मजहबी राजनीति कर रहे हैं।
गिरिराज सिंह ने यह भी कहा कि तेजस्वी यादव कभी भी असली समाजवादी नहीं रहे हैं। वे केवल 'नमाजवादी' नेता हैं। लालू प्रसाद यादव ने वंशवाद की राजनीति की शुरुआत की और अब तेजस्वी अपने को समाजवादी बताने की कोशिश में एक विशेष समुदाय को संतुष्ट करने की राजनीति में उलझ गए हैं। ऐसे नेता न तो इधर के रहेंगे, न उधर के। हम बिहार को बंगाल नहीं बनने देंगे, यह बिहार की जनता का संकल्प है।
कोलकाता में हाल ही में हुई एक दुखद घटना को लेकर गिरिराज सिंह ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल ममता दीदी से संभल नहीं रहा है। आज पश्चिम बंगाल न तो हिंदुओं के लिए सुरक्षित है, न ही लड़कियों के लिए। वहां की टीएमसी नेताओं द्वारा दिए गए बयान अत्यंत निंदनीय हैं। यह शर्मनाक है कि एक महिला मुख्यमंत्री होने के बावजूद ममता बनर्जी ने अब तक कोई स्पष्टता नहीं दी। उनका मौन रहना दर्शाता है कि वे इन बयानों को मौन समर्थन दे रही हैं।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री पर लगाए गए आरोप पर भी गिरिराज सिंह ने पलटवार किया।
उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव बाबा बागेश्वर से डर गए हैं। उन्हें डर है कि अब उनकी असलियत उजागर होने लगी है, इसलिए इस तरह की बयानबाजी कर ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं।