क्या उद्धव ठाकरे का ब्रांड और शिवसेना अब खत्म हो गए हैं? गिरीश महाजन का बयान

सारांश
Key Takeaways
- गिरीश महाजन का उद्धव ठाकरे पर तीखा हमला
- ब्रांड की पहचान का संकट
- राजनीतिक गठबंधनों की समीक्षा
- मराठी और हिंदी भाषा का महत्व
- चुनाव आयोग पर उठाए गए सवाल
जलगांव, 19 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र सरकार के मंत्री गिरीश महाजन ने शनिवार को ठाकरे ब्रदर्स पर तीखा हमला किया। उन्होंने उद्धव ठाकरे से पूछा कि क्या अब भी कुछ बचा है, जिस ब्रांड और शिवसेना की आप चर्चा कर रहे हैं, वो अब आपका नहीं है। यह ब्रांड उसी समय समाप्त हो गया जब आप हमें छोड़कर कांग्रेस की गोद में चले गए।
महाजन ने कहा कि बाला साहेब ठाकरे का युग अलग था, उनके विचार और विचारधारा भी। लेकिन आप सत्ता की साधारण कुर्सी के लिए कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिल गए। ऐसी हार के बाद आपको यह समझ लेना चाहिए कि आपका ब्रांड कहां है। कुछ ब्रांड बाजार में आते-जाते हैं, कुछ पर्दे के पीछे रहते हैं।
शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र 'सामना' के अनुसार, उद्धव ठाकरे केवल एक ब्रांड नहीं, बल्कि महाराष्ट्र, मराठी मानुष और हिंदू अस्मिता की पहचान हैं, जिसे कुछ लोग मिटाने की कोशिश कर रहे हैं।
गिरीश महाजन ने राज ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि जब चुनाव आता है तो यह मुद्दा उठता है कि मुंबई को महाराष्ट्र से अलग किया जा रहा है। यह मुद्दा वर्षों से उठता आ रहा है। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा कि कोई भी मुंबई को महाराष्ट्र से अलग नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि ये केवल चुनाव में मराठी वोटरों को लुभाने के लिए ऐसे बयान देते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि इस देश में हम एक हैं, हमारे देश में कई भाषाएं बोली जाती हैं, कई धर्मों के लोग हैं, हम ऐसा नहीं कर सकते। आज संचार का सबसे अच्छा माध्यम हिंदी है, हमें इसे स्वीकार करना होगा, लेकिन महाराष्ट्र में हमारी भाषा निश्चित रूप से मराठी है और हमें मराठी पर गर्व है। लेकिन, जब आप बाहर जाएंगे तो आपको हिंदी में बात करनी होगी।
महाजन ने उद्धव ठाकरे पर तंज कसते हुए कहा कि यदि नतीजे उनके खिलाफ आते हैं तो चुनाव आयोग फर्जी है। आपने यह बात लोकसभा में क्यों नहीं कही? उस समय आपको अच्छा लगा था, लेकिन अब जनता ने आपको नकार दिया है तो आप चुनाव आयोग को कोस रहे हैं।
गिरीश महाजन ने एनसीपी नेता सुनील तटकरे पर कहा कि यह उनकी समस्या है, वे पार्टी के अध्यक्ष हैं, यह उनका मुद्दा है कि किससे बात करें या किससे नहीं। उज्ज्वल निकम को मंत्री पद मिलेगा या नहीं? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि वे वरिष्ठ वकील हैं और उन्होंने राज्य में ही नहीं, बल्कि देश में भी बहुत अच्छा काम किया है। ऐसे में कुछ भी असंभव नहीं है।