क्या गोपाल खेमका हत्याकांड का आरोपी पुलिस मुठभेड़ में मारा गया?

सारांश
Key Takeaways
- गोपाल खेमका की हत्या से व्यवसायी समुदाय में हड़कंप मच गया।
- पुलिस ने एक आरोपी को मुठभेड़ में मारा।
- अवैध हथियारों की बिक्री की समस्या गंभीर है।
- कानून-व्यवस्था को लेकर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आई हैं।
- विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया गया है।
पटना, 8 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कारोबारी गोपाल खेमका की हत्या के मामले में पुलिस ने एक महत्वपूर्ण सफलता का दावा किया है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, एक आरोपी विकास उर्फ राजा को एक मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया है। पुलिस को उम्मीद है कि इस मामले का जल्दी ही खुलासा होगा।
जानकारी के अनुसार, रात करीब ढाई बजे पुलिस और एसटीएफ की टीम विकास उर्फ राजा को पकड़ने गई थी। पटना सिटी के मालसलामी इलाके में पीरदमरिया घाट के पास पहुंचने पर राजा ने अचानक पुलिस पर गोली चला दी। इसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की और मुठभेड़ में राजा मारा गया। घटनास्थल से पुलिस ने एक पिस्तौल, गोली और खोखा बरामद किया है।
सूत्रों के अनुसार, विकास उर्फ राजा पर आरोप है कि उसने शूटर उमेश यादव को हथियार दिया था। इसी हथियार से गोपाल खेमका की हत्या की गई थी। पुलिस ने सोमवार को शूटर उमेश को गिरफ्तार किया था। उमेश ने बताया कि उसने राजा से यह हथियार खरीदा था। राजा अवैध तरीके से हथियार बनाने और बेचने का काम करता था।
शुक्रवार रात को पटना में कारोबारी गोपाल खेमका की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिससे व्यवसायियों में हड़कंप मच गया और राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठने लगे।
इस हाई-प्रोफाइल हत्याकांड ने नीतीश कुमार सरकार को उस समय मुश्किल में डाल दिया जब जेडी(यू) और बीजेपी का सत्तारूढ़ गठबंधन विधानसभा चुनावों की तैयारी में था। विपक्ष, आरजेडी और कांग्रेस ने बिहार की कानून-व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा।
इस चौंकाने वाली हत्या के बाद मुख्यमंत्री ने शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की और उन्हें व्यवसायी की हत्या की जांच जल्द से जल्द पूरी करने का निर्देश दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया था।