क्या ग्रेटर नोएडा के एसटीपी पर भी ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम मौजूद है?

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क्या ग्रेटर नोएडा के एसटीपी पर भी ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम मौजूद है?

सारांश

ग्रेटर नोएडा में सभी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की ऑनलाइन मॉनिटरिंग अब संभव है। ओसीएमएस स्थापित करने से सीवेज उपचार की प्रक्रिया की निगरानी में सुधार होगा। जानें इस पहल के तहत क्या बदलाव होंगे।

Key Takeaways

  • ग्रेटर नोएडा में सभी एसटीपी की ऑनलाइन निगरानी की जाएगी।
  • ओसीएमएस से प्रदूषण नियंत्रण में सुधार होगा।
  • ट्रीटेड वाटर का उपयोग सिंचाई और निर्माण कार्यों में किया जाएगा।
  • इस तकनीक से अधिकारियों को निगरानी में सुविधा होगी।
  • ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का यह कदम जल प्रबंधन में महत्वपूर्ण है।

ग्रेटर नोएडा, १८ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। अब ग्रेटर नोएडा में सभी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) की ऑनलाइन मॉनिटरिंग संभव होगी। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने बादलपुर के बाद अब ईकोटेक-2 और ईकोटेक-3 के एसटीपी पर भी ऑनलाइन कंट्रोल मॉनिटरिंग सिस्टम (ओसीएमएस) स्थापित कर दिया है।

अब केवल कासना स्थित १३७ एमएलडी एसटीपी शेष है, जिस पर ओसीएमएस का कार्य अभी बाकी है। अगले एक महीने में यहां भी ओसीएमएस स्थापित किया जाएगा। इन एसटीपी की निगरानी उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) भी अपने कार्यालय से कर सकेंगे।

वास्तव में, नमामि गंगा परियोजना के तहत प्रदेश के सभी एसटीपी को ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम से सुसज्जित किया जा रहा है, ताकि एसटीपी से सीवेज के उपचार की ऑनलाइन निगरानी की जा सके। इस संदर्भ में, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने सीवर विभाग को सभी एसटीपी में ओसीएमएस तत्काल लगाने के निर्देश दिए। पहले इसे बादलपुर के दो एमएलडी के एसटीपी पर लागू किया गया और फिर एक महीने में दो अन्य एसटीपी, सेक्टर ईकोटेक-2 और ईकोटेक-3 पर ओसीएमएस लगाया गया।

अब प्राधिकरण कासना स्थित १३७ एमएलडी एसटीपी पर ओसीएमएस लगाने की योजना बना रहा है। ईकोटेक-2 की क्षमता १५ एमएलडी है जबकि ईकोटेक-3 की क्षमता २० एमएलडी है। एक एसटीपी पर ओसीएमएस लगाने में लगभग ३० लाख रुपये की लागत आ रही है, जिसे प्राधिकरण स्वयं वहन कर रहा है।

वरिष्ठ प्रबंधक विनोद शर्मा ने बताया कि ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम से लैस होने के बाद, प्राधिकरण के सीवर विभाग के अधिकारी कार्यालय में बैठकर निगरानी रख सकेंगे। सीवर शोधन से पहले और बाद में बीओडी-सीओडी और अन्य पैरामीटर की मात्रा की जानकारी भी प्राप्त की जा सकेगी। इस सिस्टम से छह मोबाइल-लैपटॉप कनेक्ट हो सकते हैं। प्राधिकरण के वरिष्ठ प्रबंधक, प्रबंधक, ठेकेदार, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नमामि गंगे परियोजना से जुड़ी संस्थाएँ भी इसकी निगरानी करेंगी।

एसटीपी से सीवेज को शोधित करने से प्राप्त पानी का इस्तेमाल सिंचाई और निर्माण कार्यों में किया जा रहा है। एनटीपीसी भी बिजली उत्पादन के लिए इसी पानी का उपयोग करने पर विचार कर रहा है। इस योजना पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और एनटीपीसी के बीच बातचीत चल रही है। इसके अतिरिक्त, यदि किसी को सिंचाई या निर्माण कार्यों के लिए पानी की आवश्यकता है, तो इसका भी प्रबंध किया गया है। सीवर विभाग के मोबाइल नंबर 9211 825 118 पर संपर्क कर ७ रुपये प्रति लीटर की दर से ट्रीटेड वाटर प्राप्त किया जा सकता है।

Point of View

बल्कि जल प्रबंधन में भी सुधार लाएगा। यह पहल राज्य सरकार की स्मार्ट सिटी योजना का हिस्सा है और प्रदूषण नियंत्रण में सहायक सिद्ध होगी।
NationPress
18/07/2025

Frequently Asked Questions

ओसीएमएस क्या है?
ऑनलाइन कंट्रोल मॉनिटरिंग सिस्टम (ओसीएमएस) एक तकनीकी प्रणाली है जो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की निगरानी ऑनलाइन करने में मदद करती है।
ग्रेटर नोएडा में कितने एसटीपी हैं?
ग्रेटर नोएडा में कई सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट हैं, जिनमें से अब अधिकांश पर ओसीएमएस स्थापित किया गया है।
ट्रीटेड वाटर का उपयोग कैसे किया जाता है?
ट्रीटेड वाटर का उपयोग सिंचाई और निर्माण कार्यों में किया जाता है।
क्या ओसीएमएस लगाने में लागत आती है?
जी हां, एक एसटीपी पर ओसीएमएस लगाने में लगभग ३० लाख रुपये का खर्च आता है।
ट्रीटेड वाटर कैसे प्राप्त करें?
आप सीवर विभाग के मोबाइल नंबर 9211 825 118 पर संपर्क कर ट्रीटेड वाटर प्राप्त कर सकते हैं।