क्या ग्रेटर नोएडा में ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ? तीन गिरफ्तार, लग्जरी गाड़ी और कैश जब्त

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क्या ग्रेटर नोएडा में ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ? तीन गिरफ्तार, लग्जरी गाड़ी और कैश जब्त

सारांश

ग्रेटर नोएडा की बिसरख थाना पुलिस ने एक ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। तीन शातिर बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है, जो बड़े नोट के बदले छोटे नोट देने का झांसा देकर लाखों की ठगी कर चुके थे। उनके पास से लग्जरी गाड़ियां और बड़ी मात्रा में कैश भी बरामद हुआ है।

Key Takeaways

  • ग्रेटर नोएडा में ठगी के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है।
  • पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए गिरोह का पर्दाफाश किया।
  • बड़े नोट के बदले छोटे नोट देने का झांसा ठगी का एक नया तरीका है।
  • लालच में आकर लोग आसानी से ठगे जा सकते हैं।
  • पुलिस की तत्परता से तीन शातिर बदमाश गिरफ्तार हुए हैं।

ग्रेटर नोएडा, 5 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। ग्रेटर नोएडा की बिसरख थाना पुलिस ने एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश करते हुए तीन शातिर बदमाशों को गिरफ्तार किया है, जो बड़े नोट के बदले ज्यादा अमाउंट में छोटे नोट देने के नाम पर लाखों की ठगी कर फरार हो गए थे। इनके पास से तीन लग्जरी गाड़ियां और कैश भी बरामद हुए हैं।

पीड़ित ने शिकायत में बताया कि उसकी दोस्ती विवेक मिश्रा से हुई। ये लोग आपस में व्यापार भी करते थे। विवेक मिश्रा और पवन कुमार मिश्रा भी दोस्त थे। पवन कुमार मिश्रा भी गाजियाबाद में लॉजिस्टिक का कार्य करता है और क्रॉसिंग रिपब्लिक में ही रहता है।

पवन कुमार मिश्रा ने पीड़ित और विवेक मिश्रा को अपने अन्य साथियों लोकेश मिश्रा उर्फ अनिल और अरमान से मिलवाया था। जिसके बाद इन लोगों ने पीड़ित को बताया कि यदि वह 500-500 की बड़ी नोट में 10 लाख रुपए देगा तो उसे 100 और 200 की छोटी नोट के रूप में 12 लाख रुपए वापस मिलेंगे।

पीड़ित ज्यादा लाभ कमाने के लालच में फंस गया और इनकी बातों में आकर उसने अपने साथी विवेक मिश्रा के साथ 1 जुलाई को चेरी काउंटी बिसरख स्थित पेट्रोल पंप के पास पहुंचकर दस लाख रुपए पवन कुमार मिश्रा और लोकेश को दिखाने लगे। इसके बाद लोकेश मिश्रा उर्फ अनिल, अरमान, संजीव, पवन मिश्रा ने चकमा दिया और रुपए लेकर फरार हो गए।

पुलिस ने आरोपी लोकेश मिश्रा उर्फ अनिल, पवन कुमार मिश्रा और संजीव को घटना में इस्तेमाल तीन गाड़ियों के साथ गिरफ्तार किया। वहीं, 4.83 लाख रुपए भी जब्त किए गए।

पुलिस ने बताया कि आरोपी लोकेश मिश्रा उर्फ अनिल, अरमान, संजीव और पवन मिश्रा ने एक गैंग बनाया था। इस गैंग में पवन मिश्रा अमीर लोगों से संपर्क करता था और मुनाफा कमाने का झांसा देकर ठगी करता था। इस गैंग के आरोपी लोकेश के पास तीन वाहन हैं, जिनका प्रयोग ठगी में किया जाता था।

लोकेश गाजियाबाद और झांसी में जेल भी जा चुका है। इसी गैंग का सदस्य पवन कुमार मिश्रा लॉजिस्टिक का व्यापार करता था। इस पूरे गिरोह का मुखिया लोकेश मिश्रा उर्फ अनिल है।

Point of View

मैं यह कह सकता हूं कि इस मामले ने हमें यह बताने की आवश्यकता है कि ठगी के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। हमें सतर्क रहना चाहिए और किसी भी प्रकार के लालच से बचना चाहिए। पुलिस की कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन हमें अपनी जिम्मेदारी भी समझनी चाहिए।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

ये ठग लोग कैसे काम करते थे?
ये ठग बड़े नोट के बदले छोटे नोट देने का झांसा देकर लोगों को ठगते थे।
पुलिस ने कितने लोगों को गिरफ्तार किया?
पुलिस ने तीन शातिर बदमाशों को गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार बदमाशों के पास से क्या बरामद हुआ?
गिरफ्तार बदमाशों के पास से तीन लग्जरी गाड़ियां और 4.83 लाख रुपए कैश बरामद हुए हैं।
क्या इस गिरोह का मुखिया कौन था?
इस पूरे गिरोह का मुखिया लोकेश मिश्रा उर्फ अनिल था।
इस घटना का स्थान क्या था?
यह घटना ग्रेटर नोएडा के बिसरख क्षेत्र में हुई थी।