क्या जीएसटी 2.0 उपभोग, कर राजस्व में वृद्धि और मुद्रास्फीति में कमी लाएगा?

सारांश
Key Takeaways
- जीएसटी 2.0 से उपभोग में वृद्धि की संभावना है।
- कर राजस्व में 52,000 करोड़ रुपए की वृद्धि की उम्मीद है।
- मुद्रास्फीति में 20-25 आधार अंकों की कमी आने की संभावना है।
- खाद्य वस्तुओं पर जीएसटी 5 प्रतिशत करने की संभावना।
- अर्थव्यवस्था में 5.31 लाख करोड़ रुपए की वृद्धि की उम्मीद।
नई दिल्ली, 20 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। 5.5 लाख करोड़ रुपए की उपभोग वृद्धि के चलते वित्त वर्ष 26 में जीएसटी राजस्व में 52,000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त वृद्धि की उम्मीद है, जो जीएसटी 2.0 सुधारों से होने वाले 45,000 करोड़ रुपए के अनुमानित राजस्व नुकसान की भरपाई करेगा। यह जानकारी एक रिपोर्ट में प्रस्तुत की गई है।
जीएसटी 2.0 से उपभोग में वृद्धि होने की संभावना है, जिससे कर राजस्व में वृद्धि और मुद्रास्फीति में कमी आएगी। एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि औसत राजस्व हानि 85,000 करोड़ रुपए हो सकती है, जबकि वित्त वर्ष 26 में यह 45,000 करोड़ रुपए रहने की उम्मीद है।
हालांकि, जीएसटी 2.0 प्रणाली से 85,000 करोड़ रुपए का राजस्व घाटा होते हुए भी, खपत में 1.98 लाख करोड़ रुपए की वृद्धि होने की संभावना है।
कर कटौती के प्रभाव के चलते, अर्थव्यवस्था में उपभोग व्यय में 5.31 लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त योगदान होने की उम्मीद है, जो सकल घरेलू उत्पाद का 1.6 प्रतिशत है।
विश्लेषकों ने पहले चिंता जताई थी कि यदि जीएसटी कर कटौती के चलते राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए उधारी बढ़ाई जाती है, तो यह सरकार के राजकोषीय अनुमानों को प्रभावित कर सकता है। लेकिन एसबीआई रिसर्च ने इस आशंका को खारिज करते हुए कहा है कि वित्त वर्ष 2026 के लिए राजकोषीय घाटा लक्ष्य को पार करने की संभावना नहीं है।
मुद्रास्फीति के संदर्भ में, एसबीआई रिसर्च ने कहा है कि खाद्य और कपड़ों जैसी आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी दर 12 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत होने की संभावना है।
इस परिवर्तन से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति में 10-15 आधार अंकों की कमी आ सकती है, विशेषकर खाद्य वस्तुओं पर 60 प्रतिशत प्रभाव के साथ।
सेवाओं के लिए जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने से अन्य वस्तुओं और सेवाओं के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति में 5-10 आधार अंकों की कमी आने का अनुमान है।
कुल मिलाकर, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति में 20 से 25 आधार अंकों की कमी की उम्मीद है।
पिछले चार वर्षों में, केंद्र ने औसतन अनुमानित कर राजस्व से 2.26 लाख करोड़ रुपए अधिक प्राप्त किया है।