क्या जीएसटी कटौती से महंगाई में राहत मिलेगी?
सारांश
Key Takeaways
- जीएसटी में कटौती से महंगाई में राहत की उम्मीद।
- वित्त वर्ष 2026 में सीपीआई महंगाई में 0.35 प्रतिशत की कमी।
- खाद्य कीमतों में गिरावट का सकारात्मक प्रभाव।
- गरीब परिवारों को खाद्य महंगाई में कमी का सबसे ज्यादा लाभ।
- कच्चे तेल की कम कीमतें महंगाई को नियंत्रित करने में सहायक।
नई दिल्ली, १२ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) में कमी के कारण देश में महंगाई में उल्लेखनीय गिरावट आने की उम्मीद है। एक नई रिपोर्ट के अनुसार, चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष २६) में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई लगभग 0.35 प्रतिशत (३५ आधार अंक) तक कम हो सकती है।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की रिपोर्ट में कहा गया है कि महंगाई में यह कमी मुख्य रूप से खाद्य कीमतों में गिरावट और टैक्स राहत के कारण होगी।
एसबीआई के अनुसार, अच्छी खरीफ फसल, रबी की मजबूत बुवाई, जलाशयों में पर्याप्त पानी और मिट्टी में नमी के चलते खाद्य महंगाई लगातार कम बनी हुई है। इसी कारण से एसबीआई ने वित्त वर्ष २०२५-२६ के लिए महंगाई का अनुमान घटाकर 1.8 प्रतिशत कर दिया है, जबकि वित्त वर्ष २०२६-२७ के लिए यह 3.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इसके अलावा, वित्त वर्ष २०२७ की पहली तिमाही के लिए महंगाई का अनुमान भी पहले की तुलना में 100 आधार अंक कम कर 3.9 प्रतिशत कर दिया गया है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने भी महंगाई के अपने अनुमान को कम किया है। आरबीआई ने दिसंबर की मौद्रिक नीति में वित्त वर्ष २०२६ के लिए महंगाई का अनुमान 2 प्रतिशत कर दिया, जो पहले अक्टूबर में 2.6 प्रतिशत और फरवरी में 4.2 प्रतिशत था।
केंद्रीय बैंक का मानना है कि ब्याज दरों में आगे का बदलाव आर्थिक आंकड़ों के आधार पर किया जाएगा, लेकिन संकेत यही हैं कि रेपो रेट 5.25 प्रतिशत के आसपास लंबे समय तक बना रह सकता है।
वहीं क्रिसिल की एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष २०२५-२६ में औसतन सीपीआई महंगाई 2.5 प्रतिशत के आसपास रह सकती है। जीएसटी दरों में कमी का प्रभाव रोजमर्रा की आवश्यकताओं पर पड़ रहा है, जिससे सोने को छोड़कर कोर महंगाई में कमी आई है। विशेष रूप से पैकेज्ड फूड, नॉन-अल्कोहलिक ड्रिंक्स, स्नैक्स और तैयार खाद्य पदार्थों की कीमतों पर इसका सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि महंगाई का प्रभाव विभिन्न आय वर्गों पर भिन्न-भिन्न तरीके से पड़ता है। गरीब और ग्रामीण परिवार अपनी आय का एक बड़ा हिस्सा खाने-पीने और ईंधन पर खर्च करते हैं, इसलिए खाद्य महंगाई में कमी से इन्हें सबसे ज्यादा राहत मिली है। आने वाले महीनों में जैसे-जैसे खाद्य वस्तुओं पर बेस इफेक्ट खत्म होगा, महंगाई में थोड़ी बढ़ोतरी हो सकती है, लेकिन कच्चे तेल की कम कीमतें और जीएसटी में कटौती महंगाई को नियंत्रण में रखने में मदद करेंगी।
-- राष्ट्र प्रेस
दुर्गेश बहादुर/एबीएस