क्या जीएसटी स्‍लैब में सुधार से अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा?: पी भास्कर राव

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क्या जीएसटी स्‍लैब में सुधार से अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा?: पी भास्कर राव

सारांश

आंध्र प्रदेश चेंबर्स के अध्यक्ष पी भास्कर राव ने जीएसटी सुधारों के माध्यम से अर्थव्यवस्था में सुधार की संभावना जताई है। क्या ये बदलाव भारत के आर्थिक परिदृश्य को बदलने में मदद करेंगे? जानिए पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • जीएसटी के सुधार से अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
  • उच्चतम जीएसटी स्लैब को 18 प्रतिशत किया गया है।
  • उपभोक्ता खर्च में वृद्धि की उम्मीद है।
  • मध्यम वर्ग की क्रय शक्ति में सुधार होगा।
  • आंध्र प्रदेश में स्थानीय उद्योगों को लाभ होगा।

विजयवाड़ा, 22 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। आंध्र प्रदेश चेंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री फेडरेशन (एपी चैंबर्स) के अध्यक्ष पी भास्कर राव ने वस्‍तु और सेवा कर (जीएसटी) स्‍लैब में सुधार से अर्थव्यवस्था को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद जताई है। उन्‍होंने बताया कि देश में जीएसटी की शुरुआत अब तक के सबसे प्रभावशाली सुधारों में से एक मानी जा रही है।

पी भास्कर राव ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान कहा कि जीएसटी सुधारों से विनिर्माण कंपनियां और व्यावसायिक उद्यम अत्यंत संतुष्ट हैं, खासकर जब पिछले कुछ महीनों में अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय गिरावट आई थी। ट्रंप टैरिफ का प्रतिकूल प्रभाव पड़ा और उससे पहले कोविड संकट ने वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं को गंभीर संकट में डाल दिया था। घरेलू मोर्चे पर भारतीय अर्थव्यवस्था भी धीमी पड़ गई थी। इसे देखते हुए वित्त मंत्री ने केंद्रीय बजट में आयकर की सीमा में सुधार किया।

अब, जीएसटी दरों में संशोधन से अर्थव्यवस्था को और बढ़ावा मिलने की संभावना है। एपी चैंबर्स ने शुरू से ही केंद्र सरकार से जीएसटी स्लैब को चार से घटाकर दो करने का आग्रह किया था, जिसमें अधिकतम जीएसटी 18 प्रतिशत हो। सरकार ने स्थिति का आकलन किया और अब संरचना को तीन स्लैब तक सीमित कर दिया है। उच्चतम स्लैब को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है, जबकि आम आदमी और मध्यम वर्ग को सीधे प्रभावित करने वाली कई आवश्यक वस्तुओं पर कर 18 से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है।

एपी चैंबर्स के अनुसार, इससे अर्थव्यवस्था को काफी बढ़ावा मिलेगा। हालांकि सरकार का अनुमान है कि जीएसटी में कटौती से लगभग एक लाख करोड़ रुपए का राजस्व घाटा हो सकता है, लेकिन उम्मीद है कि उपभोक्ता खर्च में वृद्धि और ज्यादा बिक्री इस कमी की भरपाई कर देगी। मध्यम और निम्न वर्ग के हाथों में ज्यादा क्रय शक्ति स्वाभाविक रूप से आर्थिक गतिविधियों को आगे बढ़ाएगी।

भास्कर राव ने कहा कि इसे भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक बेहतरीन कदम माना जा रहा है। जीएसटी की कम दरों के कारण आंध्र प्रदेश को भी इन सुधारों से लाभ होगा। आज से जीएसटी संशोधन लागू हो गया है। उपभोक्ता वस्तु कंपनियों के साथ-साथ ऑटोमोबाइल जैसे क्षेत्र भी बेहतर बिक्री और मजबूत विकास की उम्मीद कर रहे हैं।

Point of View

जीएसटी सुधारों का उद्देश्य न केवल आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करना है, बल्कि देश की समग्र आर्थिक स्थिरता को भी सुनिश्चित करना है। इन परिवर्तनों से मध्यम वर्ग की क्रय शक्ति में सुधार आने की संभावना है, जिससे बाजार में उपभोक्ता खर्च में वृद्धि हो सकती है।
NationPress
22/09/2025

Frequently Asked Questions

जीएसटी सुधारों का उद्देश्य क्या है?
जीएसटी सुधारों का उद्देश्य अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करना और कर प्रणाली को सरल बनाना है।
क्या जीएसटी में कटौती से राजस्व पर प्रभाव पड़ेगा?
जीएसटी में कटौती से लगभग एक लाख करोड़ रुपए का राजस्व घाटा हो सकता है।
आंध्र प्रदेश को जीएसटी सुधारों से क्या लाभ होगा?
आंध्र प्रदेश में जीएसटी की कम दरों के कारण स्थानीय उद्योगों और उपभोक्ताओं को लाभ होगा।