जीएसटी सुधार के बाद स्वास्थ्य बीमा उपयोगकर्ताओं को क्या लाभ होंगे?

सारांश
Key Takeaways
- जीएसटी स्लैब में सुधार से दरें कम हुई हैं।
- टर्म इंश्योरेंस पर जीएसटी शून्य कर दिया गया है।
- आम आदमी के लिए बचत का अवसर।
- आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी।
- रोजमर्रा की वस्तुओं पर भी जीएसटी में कटौती।
नासिक, 25 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बीमा सलाहकार जलिंदर दत्तात्रेय पन्हाले ने गुरुवार को जीएसटी स्लैब में सुधार के बाद स्वास्थ्य बीमा उपयोगकर्ताओं को मिलने वाले लाभों के बारे में जानकारी साझा की।
उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि जीएसटी स्लैब में सुधार से पहले स्वास्थ्य बीमा उपयोगकर्ताओं के लिए 18 फीसदी तक की दर थी, लेकिन अब इसे शून्य कर दिया गया है। इससे निश्चित रूप से स्वास्थ्य बीमा उपयोगकर्ताओं को लाभ होगा।
उन्होंने बताया कि जीएसटी स्लैब में सुधार से पहले 20,000 रुपये के हेल्थ इंश्योरेंस में 3,600 रुपये की अतिरिक्त रकम चुकानी पड़ती थी। लेकिन, अब यह पैसा बचेगा। इसके अलावा, टर्म इंश्योरेंस पर भी जीएसटी शून्य कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि जीएसटी स्लैब में सुधार का सबसे बड़ा लाभ यह है कि जो पैसा आम आदमी को बचेगा, वह बाद में बाजार में पुनः निवेश कर सकेगा। इससे आर्थिक गतिविधियाँ तेज होंगी और समृद्धि का रास्ता प्रशस्त होगा, जो हमारी आर्थिक स्थिति के लिए शुभ संकेत है।
बीमा सलाहकार जलिंदर दत्तात्रेय पन्हाले ने बताया कि स्वास्थ्य बीमा के अलावा रोजमर्रा के उपयोग में आने वाली वस्तुओं पर भी जीएसटी की कटौती का लाभ आम लोगों को हुआ है, जिसे आर्थिक दृष्टि से शुभ संकेत माना जा रहा है।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार केंद्र सरकार ने जीएसटी स्लैब में सुधार किया है, उसके लिए मैं धन्यवाद ज्ञापित करना चाहूंगा। निश्चित रूप से आम लोगों को इसका लाभ मिलेगा और आर्थिक गति भी तीव्र होगी। इसे आर्थिक दृष्टि से शुभ संकेत के रूप में देखा जाना चाहिए।