क्या गुजरात पुलिस की स्पेशल ड्राइव से देश विरोधी तत्वों पर अंकुश लगेगा?

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क्या गुजरात पुलिस की स्पेशल ड्राइव से देश विरोधी तत्वों पर अंकुश लगेगा?

सारांश

गुजरात पुलिस ने 100 घंटे में 31,834 आरोपियों का इंटेंसिव वेरिफिकेशन किया। यह पहली बार है जब इतने कम समय में इतनी बड़ी संख्या में आरोपियों की जांच की गई है, जो राज्य की सुरक्षा को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण कदम है।

Key Takeaways

  • गुजरात पुलिस का इंटेंसिव वेरिफिकेशन अभियान सफल रहा।
  • 31,834 आरोपियों की जांच की गई।
  • इस अभियान का उद्देश्य राज्य की सुरक्षा को मजबूत करना है।
  • दूसरे फेज में राज्य के बाहर निवास करने वाले आरोपियों की जांच की जाएगी।
  • विजिलेंस बढ़ाने के लिए एक्शन प्लान तैयार किया गया है।

गांधीनगर, 24 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। गुजरात एटीएस द्वारा देश विरोधी तत्वों को हथियारों और जानलेवा सामग्री के साथ गिरफ्तार किए जाने के बाद दिल्ली में हुई बम विस्फोट की गंभीर घटना ने राज्य की सुरक्षा एजेंसियों को चौकस कर दिया है। इन घटनाओं को अत्यंत गंभीरता से लेते हुए गुजरात के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) विकास सहाय ने तुरंत राज्य में विजिलेंस बढ़ाने के लिए एक कार्यक्रम तैयार किया और आवश्यक निर्देश जारी किए।

राज्य की सुरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के उद्देश्य से डीजीपी विकास सहाय ने 17 नवंबर को एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई। इस बैठक में सभी शहरों और जिलों के पुलिस प्रमुखों को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि वे अगले 100 घंटों में पिछले 30 वर्षों में देश विरोधी गतिविधियों में गिरफ्तार हुए सभी आरोपियों का इंटेंसिव वेरिफिकेशन कर डोजियर तैयार करें।

डीजीपी के निर्देशों के अनुसार, प्रदेश के सभी पुलिस स्टेशनों ने निर्धारित समय सीमा के भीतर यह महत्वपूर्ण कार्य सफलता पूर्वक पूरा कर लिया। पूरे गुजरात में पुलिस टीमों ने पिछले तीन दशकों के रिकॉर्ड की जांच की और कुल 31,834 आरोपियों का घर-घर जाकर सत्यापन किया।

इस वेरिफिकेशन अभियान में उन आरोपियों को प्रमुखता दी गई, जिन पर अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट (यूएपीए), टाडा, एनडीपीएस एक्ट, आर्म्स एक्ट, एक्सप्लोसिव्स एक्ट और फेक इंडियन करेंसी जैसे गंभीर और देश-विरोधी अपराधों के तहत मामले दर्ज थे। पुलिस ने इन सभी आरोपियों से उनकी मौजूदा गतिविधियों, व्यवसाय और सामाजिक स्थिति के बारे में विस्तृत पूछताछ की।

डीजीपी विकास सहाय ने बताया कि जांच के दौरान 31,834 में से 11,880 आरोपी यानी लगभग 37 प्रतिशत राज्य में मौजूद मिले, जिनके डोजियर तैयार कर लिए गए हैं। वहीं, 2,326 आरोपी अब जीवित नहीं हैं। 3,744 आरोपियों ने अपने पते बदल लिए, जिनके नए पते पर भी सत्यापन किया जाएगा। इसके अलावा, 4,506 आरोपी गुजरात राज्य के बाहर रह रहे हैं।

गुजरात पुलिस ने यह पूरा वेरिफिकेशन अभियान, जिसे पहला फेज माना जा रहा है, सफलता पूर्वक पूरा कर लिया है। डीजीपी सहाय के अनुसार, अब दूसरे फेज में राज्य के बाहर निवास कर रहे आरोपियों की जांच के लिए एक स्पेशल एसओपी तैयार की जाएगी और उनके डोजियर भी अपडेट किए जाएंगे। यह कदम सुनिश्चित करेगा कि देश-विरोधी तत्वों पर स्थायी और सख्त निगरानी रखी जा सके।

Point of View

बल्कि यह देश विरोधी तत्वों के खिलाफ एक सख्त संदेश भी देती है। सभी स्तरों पर सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता जरूरी है, ताकि किसी भी तरह की गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण रखा जा सके।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

गुजरात पुलिस ने कितने आरोपियों का सत्यापन किया?
गुजरात पुलिस ने 31,834 आरोपियों का इंटेंसिव वेरिफिकेशन किया।
इस वेरिफिकेशन अभियान का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य राज्य की सुरक्षा को मजबूत करना और देश विरोधी गतिविधियों पर नज़र रखना है।
डीजीपी विकास सहाय ने कब बैठक बुलाई थी?
डीजीपी विकास सहाय ने 17 नवंबर को बैठक बुलाई थी।
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