क्या मेहसाणा के बच्चों की कहानियां जल्द होंगी प्रकाशित?

सारांश
Key Takeaways
- मिशन बाल वार्ता कार्यक्रम बच्चों की लेखन प्रतिभा को प्रोत्साहित करता है।
- प्रतियोगिता में 21 कहानियाँ चुनी गई हैं।
- बच्चों को संवाद कार्यक्रम में भाग लेने का अवसर मिला।
- गुजरात सरकार का यह कार्यक्रम बच्चों के कौशल को निखारने में सहायक है।
- सफल बच्चों की कहानियाँ साहित्य बाल पुस्तक में प्रकाशित होंगी।
मेहसाणा, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। गुजरात सरकार द्वारा स्कूली बच्चों की प्रतिभा को पहचानने और निखारने के लिए मिशन बाल वार्ता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस पहल के तहत मेहसाणा जिले के खेरवा क्लस्टर में सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों के बीच कहानी लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
इस प्रतियोगिता में 9 स्कूलों के छात्रों ने भाग लिया। इनमें से कई बच्चों की कहानियों को चयनित किया गया है, जिससे वे अत्यंत उत्साहित हैं।
छात्र कृष्णा गढ़वी ने कहा, "मेरे स्कूल में बाल वार्ता प्रतियोगिता आयोजित की गई थी, जिसमें मेरी कहानी को पसंद किया गया है। मेरी कहानी साहित्य बाल पुस्तक में प्रकाशित होगी, इस बात से मैं बहुत खुश हूँ।"
विद्यार्थियों का मानना है कि मिशन बाल वार्ता ने उन्हें बहुत प्रेरणा दी है।
छात्रा दीया गाडिया ने कहा, "जिसकी भी कहानी अच्छी थी, उन सभी को प्रेरित किया गया था। मेरा नाम भी चयनित छात्रों में था। इस सूचना के मिलने पर मुझे बहुत खुशी मिली। मैं अपने जीवन में कहानी लेखन में करियर बनाना चाहती हूँ, मुझे कहानी लिखना बहुत पसंद है।"
प्रतियोगिता के दौरान विद्यार्थियों की 21 कहानियों को मानकों के अनुसार चुना गया। शिक्षा विभाग अब इन कहानियों को एक पुस्तक के रूप में प्रकाशित करेगा।
मेहसाणा की सीआरसी कॉर्डिनेटर हेतलबेन मेहता ने बताया कि नौ स्कूलों के बच्चों में से 21 कहानियों को चयनित किया गया है। आने वाले समय में इन कहानियों को पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया जाएगा।
प्रतियोगिता के दौरान खेरवा प्राथमिक कुमार शाला में प्रतिभागी बच्चों का संवाद कार्यक्रम भी आयोजित किया गया, और शिक्षकों ने उन्हें बेहतर लेखन की सलाह भी दी। गुजरात सरकार का मिशन बाल वार्ता कार्यक्रम स्कूल स्तर पर विद्यार्थियों के कौशल को निखारने में बेहद प्रभावी साबित हो रहा है।