क्या गुलशन राय हिंदी सिनेमा की वो शख्सियत थे, जिनका नाम फिल्म हिट की गारंटी बन गया?

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क्या गुलशन राय हिंदी सिनेमा की वो शख्सियत थे, जिनका नाम फिल्म हिट की गारंटी बन गया?

सारांश

गुलशन राय का हिंदी सिनेमा में योगदान अद्वितीय रहा है। उनके प्रोडक्शन में बनी फिल्में न केवल हिट रही हैं, बल्कि उन्होंने कई सितारों के करियर को भी नई दिशा दी। जानिए उनके जीवन और उपलब्धियों के बारे में।

Key Takeaways

  • गुलशन राय का प्रोडक्शन करियर कई दशकों तक फैला रहा।
  • उन्होंने त्रिमूर्ति फिल्म्स की स्थापना की।
  • उनकी फिल्में हमेशा हिट मानी जाती थीं।
  • उनके बेटे ने भी फिल्म उद्योग में कदम रखा।
  • उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया।

नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। जब हम बॉलीवुड की चर्चा करते हैं, तो अक्सर पर्दे पर चमकते सितारों का जिक्र होता है। लेकिन पर्दे के पीछे भी कुछ नाम ऐसे हैं, जिन्होंने सिनेमा को नई दिशा दी। गुलशन राय उन्हीं में से एक थे।

गुलशन राय का जन्म लाहौर में हुआ था, लेकिन बंटवारे के बाद वह मुंबई चले आए। उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में अपने करियर की शुरुआत एक डिस्ट्रीब्यूटर के रूप में की। उन्होंने फिल्मों की नब्ज को समझा, बाजार की मांग को पहचाना और फिर एक ऐसे प्रोड्यूसर बने, जिनकी फिल्में हमेशा हिट मानी जाती थीं।

1970 में गुलशन राय ने त्रिमूर्ति फिल्म्स की स्थापना की। इसी बैनर के तहत उनकी पहली फिल्म 'जॉनी मेरा नाम' बनी, जिसमें देवानंद लीड रोल में थे। इस फिल्म का निर्देशन विजय आनंद ने किया था। फिल्म ने बड़ी सफलता प्राप्त की और यहीं से गुलशन राय का प्रोड्यूसर के रूप में असली सफर शुरू हुआ।

गुलशन राय ने 70 और 80 के दशक में कई ब्लॉकबस्टर फिल्में प्रोड्यूस कीं। यश चोपड़ा जैसे दिग्गज निर्देशक ने कई फिल्मों का निर्देशन किया, जिनमें दीवार, त्रिशूल जैसी फिल्में शामिल हैं, जो अमिताभ बच्चन के करियर में मील का पत्थर साबित हुईं। इन फिल्मों में गुलशन राय का अहम योगदान था।

उनके बैनर तले बनी कई फिल्मों ने हिंदी सिनेमा के सुनहरे दौर की पहचान बनाई। राजीव राय, उनके बेटे, ने भी अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाया और कई फिल्में बनाई, लेकिन फिल्म 'मोहरा' के निर्माण के दौरान दोनों के रिश्तों में खटास आ गई। राजीव राय ने अक्षय कुमार और सुनील शेट्टी जैसे नए चेहरों को साइन किया, जिससे गुलशन राय नाखुश हुए।

हालांकि, फिल्म के राइटर शब्बीर बॉक्सवाला ने गुलशन राय को इन अभिनेताओं के लिए मनाने की कोशिश की। इस संबंध में कई कहानियाँ मीडिया में आईं।

इसके अलावा, 'मोहरा' की कहानी एक दिलचस्प मोड़ से शुरू हुई। कहा जाता है कि गुलशन राय और शब्बीर बॉक्सवाला एक ही जिम में जाते थे। वहीं वर्कआउट के दौरान शब्बीर को एक एक्शन थ्रिलर की कहानी सूझी और इसी के तहत 'मोहरा' की पटकथा लिखी गई।

गुलशन राय का फिल्मी सफर कई दशक तक फैला रहा। उन्होंने 'दीवार', 'ड्रीमगर्ल', 'त्रिशूल', 'युद्ध', 'त्रिदेव', 'विश्वात्मा', 'गुप्त' और 'असंभव' जैसी फिल्मों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और हिंदी सिनेमा की धड़कनों में खुद को रच-बसाया।

लंबी बीमारी के बाद 11 अक्टूबर 2004 को मुंबई में 80 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया। उनकी उपलब्धियों के लिए भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से भी सम्मानित किया था।

Point of View

बल्कि कई सितारों के करियर का आधार भी बने। उनके कार्यों के लिए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया, जो उनके प्रति भारत सरकार की मान्यता को दर्शाता है।
NationPress
10/10/2025

Frequently Asked Questions

गुलशन राय का जन्म कहाँ हुआ था?
गुलशन राय का जन्म लाहौर में हुआ था।
गुलशन राय ने कौन सी फिल्म से प्रोडक्शन की शुरुआत की?
'जॉनी मेरा नाम' से उन्होंने प्रोडक्शन की शुरुआत की।
गुलशन राय का निधन कब हुआ?
उनका निधन 11 अक्टूबर 2004 को हुआ।
गुलशन राय को कौन सा सम्मान मिला?
उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया गया।
गुलशन राय के बेटे का नाम क्या है?
उनके बेटे का नाम राजीव राय है।