क्या गुरु रामदास जी की जयंती पर हरमंदिर साहिब सज गया?

सारांश
Key Takeaways
- गुरु रामदास जी की 490वीं जयंती पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़
- हरमंदिर साहिब की भव्य सजावट
- पवित्र सरोवर में स्नान का महत्व
- समाज में एकता और श्रद्धा का संदेश
- विशेष कार्यक्रमों का आयोजन
अमृतसर, 8 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बुधवार को सिखों के चौथे गुरु रामदास जी की 490वीं जयंती का पावन प्रकाश पर्व पूरे पंजाब में धूमधाम और पूर्ण श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है।
श्रद्धालु सचखंड श्री हरमंदिर साहिब में माथा टेकने के लिए आ रहे हैं। लाखों की संख्या में श्रद्धालु केवल देश से ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी गुरु रामदास जी के पर्व पर गुरुद्वारों में आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पहुंच रहे हैं।
इस पर्व के अवसर पर शिरोमणि कमेटी ने भी सभी आवश्यक इंतजाम किए हैं और सचखंड श्री दरबार साहिब को अनेक प्रकार के फूलों से सजाया गया है। भीड़ को देखते हुए श्रद्धालुओं की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया है। मान्यता है कि इस दिन श्रद्धालु गुरुघर के पवित्र सरोवर में स्नान कर गुरु रामदास जी के सामने माथा टेककर आशीर्वाद लेते हैं। पवित्र सरोवर में स्नान करने से आत्मा शुद्ध हो जाती है। गुरुघर के सरोवर में स्नान के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी हुई है। स्नान के लिए श्रद्धालुओं को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।
इसी के साथ, शाम को श्रद्धालु रहरस के पाठ और दीप माला करेंगे और एसजीपीसी द्वारा आतिशबाजी का आयोजन किया जाएगा। गुरुघर में इस पर्व के अवसर पर श्री अखंड पाठ साहिब का पाठ भी रखा गया है।
पर्व के इस विशेष मौके पर सचखंड श्री दरबार साहिब, श्री हरमंदिर साहिब, श्री अकाल तख्त साहिब और गुरुद्वारा बाबा अटल राय साहिब को फूलों के साथ-साथ कीमती सोने और चांदी की चीजों से सजाया गया है। गुरुघर को लाइटों से सजा दिया गया है। श्रद्धालुओं की आस्था अद्भुत है। सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक सभी पवित्र स्थानों में भक्त दर्शन करेंगे।
श्रद्धालुओं के बीच खुशी का माहौल है क्योंकि उन्हें इस पावन अवसर पर गुरुघर आने का मौका मिला और श्री हरमंदिर साहिब के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। श्रद्धालु जंगबहादुर सिंह ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि उन्हें बहुत भाग्यशाली मानते हैं कि उन्हें गुरुघर आने का अवसर मिला और वे अपनी शेष जीवन गुरु रामदास जी के चरणों में बिताना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि यहां जैसा सुकून किसी अन्य स्थान पर नहीं है, यहाँ आए सभी लोगों पर गुरु अपनी कृपा करें और सभी लोग अपने बच्चों और घर के बड़े बुजुर्गों के साथ अवश्य आएं।