क्या मुगल आक्रांता के काल में गुरु साहिब ने वीरता का आदर्श स्थापित किया? : पीएम मोदी

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क्या मुगल आक्रांता के काल में गुरु साहिब ने वीरता का आदर्श स्थापित किया? : पीएम मोदी

सारांश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस पर कुरुक्षेत्र में कहा कि उनके साहस और सेवा भावना ने हमें प्रेरित किया। उन्होंने इतिहास की महत्ता और गुरु साहिब की वीरता को याद किया। इस अवसर पर गुरु परंपरा के प्रति उनकी सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई।

Key Takeaways

  • गुरु तेग बहादुर जी का बलिदान भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
  • प्रधानमंत्री मोदी ने साहस और सेवा की बात की।
  • कुरुक्षेत्र की भूमि पर आयोजित कार्यक्रम का महत्व है।
  • गुरु साहिब ने मुगलों के खिलाफ वीरता का उदाहरण पेश किया।
  • सरकार ने स्मृति डाक टिकट और सिक्का समर्पित किया।

कुरुक्षेत्र, २५ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को हरियाणा के कुरुक्षेत्र में श्री गुरु तेग बहादुर जी के ३५०वें शहीदी दिवस पर आयोजित समारोह को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि उनका अटूट साहस और सेवा भावना सभी को प्रेरित करती है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज का दिन भारत की विरासत का अद्भुत संगम बनकर आया है। आज सुबह मैं रामायण की नगरी अयोध्या में था और अब मैं यहां गीता की नगरी कुरुक्षेत्र में हूं। यहां हम सभी श्री गुरु तेग बहादुर जी के ३५०वें बलिदान दिवस पर उन्हें नमन कर रहे हैं। इस आयोजन में हमारे बीच जो संत मौजूद हैं, जो सम्मानित संगत उपस्थित है, मैं सभी को श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं।

उन्होंने कहा कि ५-६ साल पहले एक और अद्भुत संयोग बना था। साल २०१९ में ९ नवंबर को जब राम मंदिर पर सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय आया था तो उस दिन मैं करतारपुर साहिब कॉरिडोर के उद्घाटन के लिए डेरा बाबा नानक में था।

उन्होंने कहा कि मैं यही प्रार्थना कर रहा था कि राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो, करोड़ों रामभक्तों की आकांक्षा पूरी हो और हम सभी की प्रार्थना पूरी हुई, उसी दिन राम मंदिर के पक्ष में निर्णय आया। उन्होंने कहा था 'स्वधर्मे निधनं श्रेयः,' अर्थात सत्य के मार्ग पर अपने धर्म के लिए प्राण देना भी श्रेष्ठ है। श्री गुरु तेग बहादुर जी ने भी सत्य, न्याय और आस्था की रक्षा को अपना धर्म माना और उन्होंने अपने प्राण देकर इस धर्म की रक्षा की।

पीएम मोदी ने कहा कि अब आज जब अयोध्या में धर्म ध्वजा की स्थापना हुई है तो फिर मुझे सिख संगत से आशीर्वाद लेने का मौका मिला है। अभी कुछ देर पहले कुरुक्षेत्र की भूमि पर पांचजन्य स्मारक का लोकार्पण भी हुआ है। कुरुक्षेत्र की इसी धरती पर खड़े होकर भगवान श्रीकृष्ण ने सत्य और न्याय की रक्षा को सबसे बड़ा धर्म बताया था।

उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक अवसर पर भारत सरकार ने श्री गुरु तेग बहादुर जी के चरणों में एक स्मृति डाक टिकट और विशेष सिक्का भी समर्पित किया। मेरी कामना है कि हमारी सरकार गुरु परंपरा की इसी तरह निरंतर सेवा करती रहे। प्रधानमंत्री ने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी जैसे व्यक्तित्व इतिहास में विरले ही होते हैं। उनका जीवन, उनका त्याग, उनका चरित्र बहुत बड़ी प्रेरणा है। मुगल आक्रांताओं के उस काल में, गुरु साहिब ने वीरता का आदर्श स्थापित किया।

उन्होंने कहा कि उनका मन तोड़ने के लिए, गुरु साहिब को पथ से डिगाने के लिए, उनके सामने उनके तीन साथियों, भाई दयाला जी, भाई सतीदास जी, और भाई मतिदास जी की निर्ममता से हत्या की गई, लेकिन गुरु साहिब अटल रहे, उनका संकल्प अटल रहा। उन्होंने धर्म का रास्ता नहीं छोड़ा। तब की अवस्था में गुरु साहिब ने अपना शीश धर्म की रक्षा को समर्पित कर दिया।

उन्होंने कहा कि इन वाक्यों में श्री गुरु तेग बहादुर जी की निडरता की पराकाष्ठा थी। इसके बाद जिसकी आशंका थी, वही हुआ। उस क्रूर औरंगजेब ने गुरु साहिब को बंदी बनाने का आदेश दिया, लेकिन गुरु साहिब ने खुद दिल्ली जाने की घोषणा कर दी। मुगल शासकों ने उन्हें प्रलोभन भी दिए, लेकिन श्री गुरु तेग बहादुर अडिग रहे। उन्होंने धर्म और सिद्धांतों से समझौता नहीं किया।

Point of View

यह स्पष्ट है कि पीएम मोदी का संबोधन न केवल भारतीय सांस्कृतिक विरासत के प्रति सम्मान है, बल्कि यह हमारे इतिहास के महत्वपूर्ण नायकों के योगदान को भी उजागर करता है। यह संदेश हमें प्रेरित करता है कि हम अपने मूल्यों और सिद्धांतों के प्रति अडिग रहें।
NationPress
26/11/2025

Frequently Asked Questions

गुरु तेग बहादुर जी का बलिदान क्यों महत्वपूर्ण है?
गुरु तेग बहादुर जी का बलिदान सत्य, न्याय और आस्था की रक्षा के लिए था। उनका जीवन हमें सिखाता है कि धर्म के लिए संघर्ष करना कितना महत्वपूर्ण है।
पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम में क्या कहा?
पीएम मोदी ने गुरु तेग बहादुर जी के साहस और सेवा भावना की सराहना की और कहा कि उनका जीवन प्रेरणा का स्रोत है।
गुरु साहिब ने मुगलों के खिलाफ क्या किया?
गुरु साहिब ने अपने प्राणों की आहुति देकर धर्म की रक्षा की और अपने सिद्धांतों के प्रति अडिग रहे।
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