क्या ज्ञानी रघुबीर सिंह ने स्वर्ण मंदिर में अरदास की और राज्य सरकार का आभार व्यक्त किया?

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क्या ज्ञानी रघुबीर सिंह ने स्वर्ण मंदिर में अरदास की और राज्य सरकार का आभार व्यक्त किया?

सारांश

गुरु तेग बहादुर की शहादत दिवस पर हरमंदर साहिब में ज्ञानी रघुबीर सिंह ने अरदास की। इस कार्यक्रम में पंजाब सरकार के नए निर्णय की सराहना की गई। जानें इस महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन की खास बातें।

Key Takeaways

  • गुरु तेग बहादुर की शहादत धार्मिक स्वतंत्रता का प्रतीक है।
  • स्वर्ण मंदिर में अरदास का आयोजन किया गया।
  • पंजाब सरकार ने तीन स्थानों को 'पवित्र शहर' का दर्जा दिया।
  • ये निर्णय धार्मिक मर्यादा को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
  • श्रद्धालुओं ने गुरु जी की शिक्षाओं का अनुसरण करने की प्रेरणा ली।

अमृतसर, २५ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। गुरु तेग बहादुर की ३५०वीं शहादत स्मृति दिवस पर हरमंदर साहिब (स्वर्ण मंदिर) में एक विशेष धार्मिक समारोह का आयोजन किया गया। इस मौके पर पूर्व जत्थेदार अकाल तख्त और स्वर्ण मंदिर के मुख्य ग्रंथि ज्ञानी रघुबीर सिंह ने समाज की सुख-शांति के लिए अरदास की।

सम्पूर्ण परिसर में श्रद्धा, भक्ति और शौर्य का अद्भुत मिश्रण देखने को मिला, जहां देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं ने गुरु साहिब के बलिदान को नमन किया।

गुरु तेग बहादुर की शहादत सिख इतिहास में धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों की रक्षा के सर्वोच्च प्रतीक के रूप में मानी जाती है। उन्होंने अपने प्राण हिंदू धर्म और मानवता की रक्षा के लिए समर्पित कर दिए। हर वर्ष यह दिवस सिख समुदाय और मानवता के लिए प्रेरणा का स्रोत बनता है।

कार्यक्रम के दौरान, ज्ञानी रघुबीर सिंह ने पंजाब सरकार के एक महत्वपूर्ण निर्णय की सराहना की। उन्होंने कहा, "मुझे जानकारी मिली है कि पंजाब सरकार ने आनंदपुर साहिब, अमृतसर साहिब और तलवंडी साबो को 'पवित्र शहर' का दर्जा दिया है। यह सिख पंथ की एक पुरानी मांग थी और इसका स्वागत किया जाना चाहिए।"

उन्होंने आगे बताया कि ये तीनों पवित्र स्थल सीमावर्ती क्षेत्रों के निकट हैं और यहाँ तंबाकू, शराब, मांस और अन्य अनुचित वस्तुओं की बिक्री होती है, जिससे धार्मिक वातावरण प्रभावित होता है। इसलिए सरकार द्वारा इन शहरों को पवित्र घोषित करना एक महत्वपूर्ण कदम है और इससे धार्मिक मर्यादा और सांस्कृतिक सम्मान की रक्षा होगी।

ज्ञानी रघुबीर सिंह ने कहा, "हम सरकार के इस निर्णय की सराहना करते हैं और आशा करते हैं कि इसे प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा।"

श्रद्धालुओं ने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी की सीख आज भी सभी को सत्य, त्याग और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है।

अमृतसर, आनंदपुर साहिब और तलवंडी साबो में आने वाले दिनों में शहादत सप्ताह के तहत कई धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

Point of View

धार्मिक स्थलों की पवित्रता की रक्षा के लिए एक सकारात्मक कदम है।
NationPress
25/11/2025

Frequently Asked Questions

गुरु तेग बहादुर की शहादत दिवस कब मनाया जाता है?
गुरु तेग बहादुर की शहादत दिवस हर वर्ष २५ नवंबर को मनाया जाता है।
स्वर्ण मंदिर में किसने अरदास की?
स्वर्ण मंदिर में ज्ञानी रघुबीर सिंह ने अरदास की।
पंजाब सरकार ने किन स्थानों को 'पवित्र शहर' का दर्जा दिया?
पंजाब सरकार ने आनंदपुर साहिब, अमृतसर साहिब और तलवंडी साबो को 'पवित्र शहर' का दर्जा दिया है।
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