क्या एचएएल ने तेजस लड़ाकू विमान के लिए 62,000 करोड़ रुपए के बड़े ऑर्डर की पुष्टि की?

सारांश
Key Takeaways
- एचएएल ने 62,000 करोड़ रुपए का ऑर्डर दिया है।
- 97 तेजस लड़ाकू विमान का ऑर्डर भारतीय वायुसेना के लिए है।
- एचएएल के शेयरों में 0.44 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
- पिछले 5 वर्षों में शेयर का रिटर्न 640 प्रतिशत है।
- तेजस की डिलीवरी वित्त वर्ष 26 में शुरू होने की उम्मीद है।
नई दिल्ली, 21 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। सरकारी क्षेत्र की डिफेंस कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने गुरुवार को केंद्र से 97 हल्के लड़ाकू विमान एमके-1ए (तेजस) के ऑर्डर की पुष्टि की है, जिसकी कुल वैल्यू 62,000 करोड़ रुपए है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर फाइलिंग में एचएएल ने बताया, "रक्षा मंत्रालय ने सूचित किया है कि सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) ने 19 अगस्त, 2025 को एचएएल द्वारा भारतीय वायु सेना के लिए 97 हल्के लड़ाकू विमान एमके-1ए के खरीद प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।"
इस फाइलिंग के बाद एचएएल के शेयरों में तेजी आई और इसने 4,526.80 का उच्चतम स्तर छुआ। हालांकि, दोपहर 12 बजे एचएएल का शेयर 0.44 प्रतिशत की मजबूती के साथ 4,488 रुपए पर था।
एचएएल के शेयर में पिछले छह महीनों में काफी मजबूती आई है और इस दौरान शेयर ने 33 प्रतिशत से अधिक का रिटर्न दिया है। वहीं, लंबी अवधि में भी शेयर का प्रदर्शन शानदार रहा है और पिछले 5 वर्षों में शेयर ने 640 प्रतिशत से अधिक का रिटर्न निवेशकों को दिया है।
यह सौदा एचएएल के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। स्वदेशी तेजस लड़ाकू विमान भारतीय वायुसेना में मिग-21 बेड़े की जगह लेंगे।
एलसीए एमके1ए, तेजस का एक उन्नत संस्करण है, जिसे बेहतर लड़ाकू क्षमताओं के लिए डिजाइन किया गया है और यह नया रक्षा अनुबंध, फरवरी 2021 में एचएएल द्वारा अनुबंध प्राप्त करने के बाद, इस विमान के लिए दूसरा बड़ा ऑर्डर है।
इंजन आपूर्ति की पिछली चुनौतियों के समाधान के बाद तेजस की इस साल डिलीवरी शुरू होने की संभावना है और वित्त वर्ष 26 में छह जेट विमानों की आपूर्ति निर्धारित है।
वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में एचएएल का शुद्ध लाभ साल-दर-साल 3.7 प्रतिशत घटकर 1,383.8 करोड़ रुपए रह गया, जबकि परिचालन से प्राप्त राजस्व वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 10.8 प्रतिशत बढ़कर 4,819 करोड़ रुपए हो गया। ईबीआईटीडीए लगभग 30 प्रतिशत बढ़कर 1,284 करोड़ रुपए हो गया, जबकि मार्जिन पिछले साल के 22.8 प्रतिशत से बढ़कर 26.7 प्रतिशत हो गया।