क्या हरियाणा कांग्रेस में बड़ा फेरबदल हुआ है? राव नरेंद्र सिंह बने नए प्रदेश अध्यक्ष, भूपेंद्र सिंह हुड्डा को मिला विधायक दल का नेतृत्व

सारांश
Key Takeaways
- राव नरेंद्र सिंह बने नए प्रदेश अध्यक्ष
- भूपेंद्र सिंह हुड्डा विधायक दल के नेता नियुक्त हुए
- इन बदलावों का मकसद संगठन को मजबूत करना है
- उदय भान की सराहना की गई
- पार्टी की रणनीतिक दिशा में बदलाव
नई दिल्ली, 29 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस ने हरियाणा संगठन में महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए दो मुख्य नियुक्तियों की घोषणा की है। ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) द्वारा जारी आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष ने राव नरेंद्र सिंह को हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एचपीसीसी) का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। यह नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू है।
इसके साथ ही, कांग्रेस अध्यक्ष ने हरियाणा कांग्रेस विधायक दल के नए नेता के रूप में भूपेंद्र सिंह हुड्डा की नियुक्ति को भी मंजूरी दी है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं और राज्य में पार्टी के वरिष्ठ और अनुभवी नेता माने जाते हैं।
कांग्रेस पार्टी ने इस अवसर पर निवर्तमान पीसीसी अध्यक्ष उदय भान के योगदान की सराहना करते हुए उनके नेतृत्व में पार्टी द्वारा किए गए कार्यों की प्रशंसा की।
यह दोनों नियुक्तियां पार्टी की रणनीतिक दिशा और राज्य में संगठन को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही हैं।
इससे पहले 26 सितंबर को कांग्रेस पार्टी ने केरल के वायनाड जिला कांग्रेस कमेटी (डीसीसी) में बड़ा बदलाव करते हुए संगठनात्मक स्तर पर नई नियुक्तियों की घोषणा की थी। कांग्रेस अध्यक्ष ने एडवोकेट टीजे इसाक को वायनाड जिला कांग्रेस समिति के अध्यक्ष के रूप में तत्काल प्रभाव से नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी और एनडी अप्पाचन को केरल से एआईसीसी का सह-मनोनित सदस्य नियुक्त किया गया था।
सूत्रों के अनुसार, वायनाड कांग्रेस इकाई में आंतरिक गुटबाजी और नेतृत्व संघर्ष के चलते संगठन में असंतोष का माहौल था। इसके चलते एनडी अप्पाचन ने अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला लिया था। हालांकि, अप्पाचन ने खुद मीडिया से बातचीत में इस बात की पुष्टि करते हुए कहा था कि उन्होंने पार्टी को अपने इस्तीफे की जानकारी दे दी है और अब यह केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) पर निर्भर है कि वह इसे स्वीकृति करती है या नहीं।
हालांकि, अप्पाचन को संगठन से अलग नहीं किया गया और कांग्रेस नेतृत्व ने उन्हें एआईसीसी में सह-मनोनित सदस्य बनाकर सम्मानजनक ढंग से नई जिम्मेदारी दी।
--आईएनएस
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