क्या हरियाणा आईपीएस सुसाइड केस की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच जरूरी है? : आईपीएस पंकज चौधरी

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क्या हरियाणा आईपीएस सुसाइड केस की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच जरूरी है? : आईपीएस पंकज चौधरी

सारांश

हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी की आत्महत्या से संबंधित मामले पर राजस्थान के आईपीएस पंकज चौधरी ने गहरी चिंता जताई है। उन्होंने इस घटना की निष्पक्ष जांच की आवश्यकता पर जोर दिया है। क्या इस मामले में न्याय मिल पाएगा? जानिए पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • हरियाणा आईपीएस अधिकारी की आत्महत्या एक गंभीर मुद्दा है।
  • आईपीएस पंकज चौधरी ने निष्पक्ष जांच की मांग की है।
  • जातिगत प्रताड़ना का आरोप गंभीर रूप से उठाया गया है।
  • पुलिस अधिकारियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना आवश्यक है।
  • समाज में न्याय का महत्व है।

जयपुर, 9 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी के आत्महत्या मामले को लेकर राजस्थान के वरिष्ठ आईपीएस पंकज चौधरी ने गहरा दुख प्रकट किया है। उन्होंने इस घटना की निष्पक्ष जांच की आवश्यकता पर जोर दिया।

आईपीएस पंकज चौधरी ने कहा कि यदि पुलिस का अधिकारी जाति, धर्म और क्षेत्र से प्रभावित होता है, तो वह न्याय नहीं कर पाएगा। लेकिन यदि पुलिस अधिकारी के साथ जाति-धर्म के आधार पर इस प्रकार की घटनाएँ होती हैं, जिनके लिए वह लगातार न्याय की मांग कर रहा है, तो यह पूरे देश की पुलिस के लिए एक शर्मनाक स्थिति है।

आईपीएस ने कहा कि यह एक अत्यंत दुखद घटना है, क्योंकि पुलिस समाज की रोल मॉडल होती है। लेकिन यदि पुलिस का ही अधिकारी ऐसी दुर्घटनाओं का शिकार हो रहा है, तो यह चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में एक निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है। सुसाइड नोट और अन्य तथ्यों के अनुसार जो जानकारी सामने आ रही है, उससे लगता है कि यह प्रताड़ना कोई एक-दो दिन की नहीं थी, बल्कि यह वर्षों से चली आ रही थी। यह एक ईमानदार अधिकारी को रोकने का प्रयास प्रतीत होता है।

उन्होंने कहा कि इस घटना की पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से जांच होनी चाहिए, ताकि इस वारदात में शामिल लोगों की पहचान हो सके और उन्हें उचित सजा मिल सके।

इससे पहले हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की संदिग्ध आत्महत्या के मामले में उनकी पत्नी और आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार ने चंडीगढ़ के सेक्टर-11 पुलिस स्टेशन के एसएचओ को पत्र लिखकर हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजरानिया के खिलाफ प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए हैं।

उन्होंने बीएनएस की धारा 108 (उकसाने के लिए आत्महत्या) और एससी-एसटी एक्ट के तहत दोनों अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और तत्काल गिरफ्तारी की मांग की।

अमनीत ने दावा किया कि इन अधिकारियों की जातिगत प्रताड़ना के कारण ही उनके पति ने 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ में अपने आवास पर आत्महत्या की।

अमनीत 2001 बैच की आईएएस अधिकारी हैं और वर्तमान में हरियाणा के सिविल एविएशन और महिला एवं बाल विकास विभाग में कमिश्नर हैं।

Point of View

यह महत्वपूर्ण है कि हम इस घटना की निष्पक्षता को समझें। पुलिस अधिकारियों की सुरक्षा और उनके मनोबल को बनाए रखना आवश्यक है। हमें इस मुद्दे पर गहन विचार करने की आवश्यकता है ताकि ऐसी घटनाएँ भविष्य में न हों।
NationPress
26/11/2025

Frequently Asked Questions

हरियाणा आईपीएस सुसाइड केस में क्या हुआ?
हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी की संदिग्ध आत्महत्या ने गंभीर प्रश्न उठाए हैं, जिसमें प्रताड़ना का आरोप लगाया गया है।
आईपीएस पंकज चौधरी ने क्या कहा?
आईपीएस पंकज चौधरी ने घटना की निष्पक्ष जांच की आवश्यकता पर जोर दिया है।
क्या इस मामले में न्याय मिलेगा?
निष्पक्ष जांच के बाद ही इस मामले में न्याय की प्रक्रिया शुरू होगी।
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