क्या हरियाणा में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार और सुधार हो रहा है? : स्वास्थ्य मंत्री आरती राव
सारांश
Key Takeaways
- हरियाणा में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच में सुधार हुआ है।
- एलोपैथी डॉक्टरों का अनुपात बढ़ा है।
- अस्पतालों और बिस्तरों की संख्या में वृद्धि हुई है।
- मुफ्त डायलिसिस सेवा की शुरुआत की गई है।
- सरकार स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है।
चंड़ीगढ़, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती राव ने कहा कि सरकार का मानना है कि 'स्वास्थ्य सबका अधिकार है' और इसी सोच के साथ नीतियां बनाई गई हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने विधानसभा में कांग्रेस विधायक पूजा चौधरी के सवाल के जवाब में राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने आगे बताया कि हरियाणा सरकार ने पिछले वर्षों में स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत करने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं, जिससे आम जनता को बेहतर और सुलभ इलाज मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में हरियाणा में एलोपैथी डॉक्टरों की उपलब्धता के आंकड़ों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। आज राज्य में औसतन 1,225 लोगों पर एक एलोपैथी डॉक्टर उपलब्ध है। यदि इसमें आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक और यूनानी पद्धति के डॉक्टरों को भी शामिल किया जाए तो यह अनुपात और बेहतर होकर 819 लोगों पर एक डॉक्टर का हो जाता है। यह स्थिति दर्शाती है कि राज्य में चिकित्सा सेवाओं की पहुंच पहले से कहीं अधिक मजबूत हुई है।
आरती राव ने अस्पतालों और बिस्तरों की संख्या में हुई बढ़ोतरी का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि 11 साल पहले हरियाणा में केवल 700 अस्पताल बेड उपलब्ध थे, जबकि आज यह संख्या 2,710 हो चुकी है।
उन्होंने बताया कि इसी तरह जिला अस्पताल और सब-डिविजनल अस्पतालों की संख्या पहले 56 थी, जो अब बढ़कर 74 हो गई है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) की संख्या भी 109 से बढ़कर 122 तक पहुंच गई है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि मौजूदा सरकार के गठन के बाद राज्य में मुफ्त डायलिसिस सेवा की शुरुआत की गई, जिससे किडनी रोग से पीड़ित मरीजों को बड़ी राहत मिली है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कोई डॉक्टर डेप्यूटेशन पर तैनात है, तब भी वह अपनी सेवाएं दे रहा है और मरीजों के इलाज में कोई लापरवाही नहीं बरती जा रही है।
मंत्री आरती राव ने कहा कि सरकार स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने के लिए लगातार काम कर रही है, ताकि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लोगों को समान और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें।