क्या हरियाणा में नाबालिग को अगवा कर दुष्कर्म करने वाले को 10 साल की सजा मिली?

सारांश
Key Takeaways
- 10 साल की कैद की सजा सुनाई गई।
- 35 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।
- जुर्माना न भरने पर 6 महीने की अतिरिक्त सजा होगी।
- मामला नाबालिग के अगवा होने का है।
- आरोपी को समय पर गिरफ्तार किया गया।
नूंह, 9 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। हरियाणा के नूंह में स्थित पोक्सो विशेष अदालत ने एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया है। अदालत ने नाबालिग को अगवा करने और उसके साथ दुष्कर्म करने के मामले में आरोपी को दोषी ठहराते हुए 10 साल की कैद की सजा सुनाई।
साथ ही, अदालत ने दोषी पर 35 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। यदि जुर्माना नहीं भरा गया, तो दोषी को अतिरिक्त 6 महीने की सजा भुगतनी होगी, यह भी अदालत का निर्णय रहा।
जानकारी के अनुसार, फिरोजपुर झिरका थाना क्षेत्र के गांव बीवा के निवासी महेंद्र ने पुलिस में शिकायत दी थी कि उसकी नाबालिग बेटी ने 28 अक्तूबर 2023 की शाम लगभग 6 बजे अपने भाई के लिए खाना लेकर आरा मशीन की ओर जाने के लिए घर से निकली थी, लेकिन वह वहां नहीं पहुंची। परिजनों ने आसपास खोज की, लेकिन बच्ची का कोई भी सुराग नहीं मिला।
महेंद्र ने पुलिस को बताया कि लगभग 10 दिन पहले आरोपी शंकर टिकाधर ने फोन पर धमकी दी थी कि यदि लड़की की शादी उससे नहीं हुई, तो वह उसे भगा ले जाएगा। घटना के बाद परिजनों ने थाना फिरोजपुर झिरका में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज किया। जांच के दौरान सभी साक्ष्य जुटाए गए और आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। लगभग दो साल तक चले मामले में अदालत ने सभी महत्वपूर्ण साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर आरोपी हरदय टिकाधर उर्फ शंकर टिकाधर को दोषी ठहराया।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डॉ. आशु संजीव तिनजान की फास्ट ट्रैक विशेष पोक्सो कोर्ट नूंह ने 8 सितंबर को तीन विशेष धाराओं में 35 हजार रुपये का जुर्माना और 10 वर्ष की सजा सुनाई। यदि जुर्माना नहीं भरा गया, तो 6 महीने अतिरिक्त जेल में बिताने होंगे।
आयुष यादव, एएसपी के अनुसार, समय पर आरोपी को गिरफ्तार कर चार्जशीट दाखिल की गई थी। अदालत ने मजबूत साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर दोष सिद्ध मानते हुए दोषी को सख्त सजा सुनाई।