क्या राजस्थान में एटीएस ने फर्जी सैनिक गिरोह का भंडाफोड़ किया? 28 गिरफ्तार

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क्या राजस्थान में एटीएस ने फर्जी सैनिक गिरोह का भंडाफोड़ किया? 28 गिरफ्तार

सारांश

राजस्थान में एटीएस ने एक बड़ा खुलासा करते हुए 28 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने फर्जी सेना सेवानिवृत्ति दस्तावेजों का प्रयोग कर एफसीआई में सुरक्षा गार्ड की नौकरी हासिल की थी। यह कार्रवाई दस्तावेज़ धोखाधड़ी और सुरक्षा भर्ती में भ्रष्टाचार के खिलाफ की गई है।

Key Takeaways

  • फर्जी दस्तावेज का उपयोग करके नौकरी प्राप्त करना एक गंभीर अपराध है।
  • एटीएस ने एक सुनियोजित अभियान के तहत कार्रवाई की।
  • गिरफ्तार किए गए लोग कई सालों से FCI में काम कर रहे थे।
  • इस गिरोह के पीछे एक बड़ा नेटवर्क होने का संदेह है।
  • दस्तावेज़ धोखाधड़ी के खिलाफ कार्रवाई आवश्यक है।

जयपुर, 10 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए 28 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने फर्जी सेना सेवानिवृत्ति दस्तावेजों का सहारा लेकर भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) में सुरक्षा गार्ड के पद पर नौकरी प्राप्त की थी।

आईजी (एटीएस) विकास कुमार के अनुसार, एफसीआई ने यह सुनिश्चित किया है कि उसके 90 प्रतिशत सुरक्षाकर्मी सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी हों।

उन्होंने बताया कि एटीएस ने एक गुप्त सूचना के आधार पर जांच आरंभ की, जिसमें खुलासा हुआ कि कई गार्ड एक निजी सुरक्षा एजेंसी के माध्यम से जाली पूर्व सैनिक प्रमाण पत्र का उपयोग करके नौकरी हासिल कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि एक सुनियोजित अभियान के तहत एटीएस ने कोटा, भीलवाड़ा, उदयपुर और बांसवाड़ा में 31 एफसीआई डिपो पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया।

इस बहाने सभी सुरक्षा गार्डों को बुलाया गया और उनके सेना से रिटायरमेंट के दस्तावेजों की जांच के लिए मांगे गए।

गहन जांच के बाद, 28 गार्डों के दस्तावेज फर्जी पाए गए, जिनमें नकली पहचान पत्र भी शामिल थे, जिनसे वे स्वयं को रिटायर्ड सैनिक बता रहे थे।

इन सभी को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया और उनके फर्जी दस्तावेज जब्त कर लिए गए। जांच में यह भी सामने आया कि प्रत्येक फर्जी सैनिक ने नकली सेना दस्तावेज हासिल करने के लिए 30,000 से 50,000 रुपए का भुगतान किया था।

उन्होंने बताया कि पहले ये एफसीआई में कार्यरत थे और 21,000 रुपए प्रति माह से अधिक वेतन कमा रहे थे और अपने दलालों को 3,000 से 5,000 रुपए मासिक कमीशन देते थे, जो उनकी नौकरी लगवाने में मदद करते थे।

कुछ आरोपी 3-4 साल से एफसीआई में काम कर रहे थे, जो इस रैकेट की गहराई को दर्शाता है। एटीएस को संदेह है कि इसमें एक बड़ा नेटवर्क शामिल है और वह इसकी व्यापकता की सक्रियता से जांच कर रही है।

अब तक एटीएस ने तीन मामले दर्ज किए हैं और जांच आगे बढ़ने पर और गिरफ्तारियां होने की संभावना है। अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई दस्तावेज़ धोखाधड़ी और सुरक्षा भर्ती में भ्रष्टाचार के खिलाफ व्यापक कार्रवाई का हिस्सा है।

आईजी (एटीएस) विकास कुमार ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों में बहादुर सिंह भाटी, नरेंद्र सिंह नटवर, रामप्रसाद मीना, यशपाल सिंह, कालू सिंह, भोलूराम, राजेश सिंह, गोपाल सिंह, हिम्मत सिंह, विजय सिंह, पप्पू सिंह, कुमेर सिंह, सुमेर सिंह, अतरूप सिंह, चंद्रप्रकाश मीना, रामसमुझ यादव, देवेंद्र सिंह, रघुनंदन सिंह हाड़ा, महेंद्र कुमार मीना, सियाराम मीना, हरिचरण मीना, महेश, राजहंस, दिनेश सिंह, गजेंद्र सिंह, मोहन सिंह, राजू सिंह भाटी और अन्य शामिल हैं।

Point of View

बल्कि यह दिखाती है कि कैसे कुछ लोग सरकारी सेवाओं में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हैं। हमें इस मुद्दे पर ध्यान देने और इसे रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
NationPress
10/10/2025

Frequently Asked Questions

एटीएस ने कितने लोगों को गिरफ्तार किया?
एटीएस ने 28 लोगों को गिरफ्तार किया है।
ये लोग किस प्रकार के दस्तावेजों का उपयोग कर रहे थे?
ये लोग फर्जी सेना सेवानिवृत्ति दस्तावेजों का उपयोग कर रहे थे।
इन लोगों ने कितने पैसे दिए थे?
हर फर्जी सैनिक ने नकली दस्तावेज़ हासिल करने के लिए 30,000 से 50,000 रुपए का भुगतान किया था।
क्या एटीएस की ओर से और गिरफ्तारियां होने की संभावना है?
जी हाँ, जांच आगे बढ़ने पर और गिरफ्तारियां होने की संभावना है।
अधिकारियों ने इस कार्रवाई को क्या बताया?
यह कार्रवाई दस्तावेज़ धोखाधड़ी और सुरक्षा भर्ती में भ्रष्टाचार के खिलाफ व्यापक कार्रवाई का हिस्सा है।