क्या केंद्र सरकार एआई के माध्यम से मतदाताओं के नाम हटा रही है?: सीएम ममता बनर्जी

Click to start listening
क्या केंद्र सरकार एआई के माध्यम से मतदाताओं के नाम हटा रही है?: सीएम ममता बनर्जी

सारांश

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एआई के माध्यम से मतदाताओं के नाम हटाने के भाजपा के प्रयासों का आरोप लगाया है। क्या यह लोकतंत्र की हत्या है? जानें इस गंभीर मुद्दे पर उनका क्या कहना है।

Key Takeaways

  • एआई का दुरुपयोग चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है।
  • मुख्यमंत्री बनर्जी ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
  • लोगों को अपने मतदान अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए।
  • बूथ स्तरीय एजेंटों की भूमिका महत्वपूर्ण है।
  • संविधान के तहत मतदाता अधिकारों की सुरक्षा अनिवार्य है।

कोलकाता, 30 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि एआई की सहायता से मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटा दिए जा रहे हैं।

बांकुरा जिले के बरजोरा में आयोजित जनसभा में मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बंगाल की मतदाता सूची से 1.5 करोड़ नाम हटाने का उद्देश्य रखा है।

उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले हर वीडियो पर विश्वास नहीं करना चाहिए। आज का युग एआई का है। उन्होंने (भाजपा ने) एआई की मदद से 54 लाख मतदाताओं के नाम हटा दिए हैं। मतदान के अधिकार को छीनने के लिए फर्जी नाम बनाए जा रहे हैं। जब लोग मतदान केंद्र पर जाएंगे, तो उन्हें पता चलेगा कि वे वोट नहीं दे सकते क्योंकि उसी नाम का कोई और व्यक्ति उनका वोट डाल देगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अपनी आंखें और कान खुले रखें। विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) आपके लिए विनाशकारी साबित हो सकता है।

उन्होंने यह भी मांग की कि एसआईआर सुनवाई सत्रों के दौरान बूथ स्तरीय एजेंटों (बीएलए) को उपस्थित रहने की अनुमति दी जाए।

मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा कि बीएलए को सुनवाई केंद्रों के अंदर जाने की अनुमति नहीं है। निर्देश व्हाट्सएप के माध्यम से भेजे जा रहे हैं। अगर चुनाव आयोग में हिम्मत है तो हमें लिखित में दें। हम न्याय के लिए जनता की अदालत और कानून की अदालत में जाएंगे।

उन्होंने बीएलए से तृणमूल कांग्रेस द्वारा स्थापित एसआईआर शिविरों में तैनात रहने का आग्रह किया ताकि एसआईआर सुनवाई के लिए बुलाए गए लोगों को हर प्रकार की सहायता प्रदान की जा सके।

मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा कि पुरुलिया के एक बुजुर्ग व्यक्ति का क्या कसूर था? उन्हें सोमवार को एसआईआर सुनवाई के लिए बुलाया गया था। इससे अपमानित होकर उन्होंने आत्महत्या कर ली। क्या आपको उनसे कोई सहानुभूति नहीं है? अगर आपके माता-पिता को सुनवाई के लिए बुलाया जाता, तो क्या आपको शर्म नहीं आती?

Point of View

बल्कि पूरे देश के लिए एक चेतावनी है। राजनीतिक दलों को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।
NationPress
30/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या एआई के माध्यम से मतदाता नाम हटाना संभव है?
जी हां, तकनीकी दृष्टि से यह संभव है, लेकिन यह लोकतांत्रिक सिद्धांतों के खिलाफ है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का यह बयान क्यों महत्वपूर्ण है?
यह बयान लोकतंत्र में मतदाता अधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी है।
क्या इससे चुनावों पर असर पड़ेगा?
यदि लोग अपने नामों को हटाने के कारण वोट नहीं डाल पाते हैं, तो यह चुनाव परिणामों को प्रभावित कर सकता है।
क्या चुनाव आयोग इस पर कार्रवाई करेगा?
यह देखना होगा कि चुनाव आयोग इस गंभीर आरोप पर क्या कदम उठाता है।
क्या यह मामला अदालत में जाएगा?
मुख्यमंत्री ने कहा है कि यदि आवश्यक हुआ, तो वे अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।
Nation Press