क्या कांग्रेस ने महाराष्ट्र में किफायती आवास के लिए अभियान शुरू किया?

सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस का किफायती आवास अभियान महत्वपूर्ण है।
- आवास की कीमतें आम जनता की पहुँच से बाहर हैं।
- कांग्रेस ने मिल लैंड विकास के फॉर्मूले का विरोध किया।
- स्थानीय निकाय चुनाव की तैयारियाँ चल रही हैं।
- किसानों की समस्याओं पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए।
मुंबई, 10 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस ने शुक्रवार को महाराष्ट्र में किफायती आवास के लिए 25 विभिन्न संगठनों के साथ मिलकर राज्यव्यापी अभियान की शुरुआत की।
महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने कहा कि मुंबई और महाराष्ट्र में आवास की कीमतें आम जनता की पहुंच से बाहर हो गई हैं।
उन्होंने कांग्रेस सरकार की सस्ते मकान योजना को लाभकारी बताते हुए इसे बड़े पैमाने पर लागू करने की मांग की।
सपकाल ने कहा कि मिल लैंड विकास के 33/33/33 फॉर्मूले के तहत आम जनता के लिए आवंटित 33 प्रतिशत भूमि उद्योगपतियों को सौंपी जा रही है, जो अनुचित है। उन्होंने इस पर रोक लगाने और इन भूमि पर किफायती आवास निर्माण की आवश्यकता पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने ही महाराष्ट्र आवास एवं क्षेत्र विकास प्राधिकरण के माध्यम से किफायती आवास की शुरुआत की थी और बाद में मिल मजदूरों के लिए मकान बनाने का निर्णय लिया था। हालांकि, वादे के अनुसार 1,10,000 घरों में से अभी तक केवल 15,000 ही आवंटित किए गए हैं। बाकी की भूमि उद्योगपतियों को दी जा रही है।
सपकाल ने आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति सरकार सचमुच मुंबई को बेचने की प्रक्रिया में है, क्योंकि सभी कुछ उनके चहेते उद्योगपतियों को दिया जा रहा है।
वहीं, सपकाल ने सहकारिता मंत्री बालासाहेब पाटिल की उस टिप्पणी की आलोचना की जिसमें उन्होंने कहा था कि किसान ऋण माफी के आदी हो गए हैं। उन्होंने इसे गैरजिम्मेदार और बेशर्मीपूर्ण बताया।
उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब किसान संकट में हैं, ऐसी टिप्पणियां उनकी पीड़ा पर नमक छिड़कने के समान हैं।
सपकाल ने बताया कि स्थानीय निकाय चुनावों की तैयारियां चल रही हैं और सभी जिलों में समीक्षा बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं।
उन्होंने कहा कि इच्छुक उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं और इनका चयन जिला कांग्रेस समितियों के माध्यम से किया जाएगा।