क्या मणिपुर में संयुक्त बलों ने 10 उग्रवादियों को गिरफ्तार किया?

सारांश
Key Takeaways
- संयुक्त बलों ने १० उग्रवादियों को गिरफ्तार किया।
- गिरफ्तार उग्रवादी कांगलीपाक और पीएलए से जुड़े हैं।
- अभियान में सुरक्षा बलों की कई टीमें शामिल हैं।
- सोशल मीडिया पर फर्जी पोस्ट के खिलाफ चेतावनी दी गई है।
- लोगों से अफवाहों पर विश्वास न करने की अपील की गई है।
इंफाल, २४ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। मणिपुर में केंद्रीय और राज्य के संयुक्त सुरक्षा बलों द्वारा आतंकवाद विरोधी अभियान तेज किया गया है, जिसमें सशस्त्र उग्रवादियों को पकड़ने के लिए प्रयास जारी हैं। पिछले २४ घंटों में, विभिन्न प्रतिबंधित संगठनों के १० उग्रवादियों की गिरफ्तारी की गई है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि मणिपुर के छह जिलों - इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, बिष्णुपुर, काकचिंग, तेंगनौपाल और तामेंगलोंग - में इन उग्रवादियों की गिरफ्तारी की गई।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि ये उग्रवादी कांगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी (केसीपी), पीपुल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ कांगलीपाक (पीआरईपीएके), और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) से जुड़े हुए हैं।
तेंगनौपाल जिले से पीआरईपीएके और पीएलए के एक-एक सक्रिय सदस्य को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार उग्रवादियों के पास से मोबाइल फोन, दस्तावेज़, कुछ हथियार, गोला-बारूद और बड़ी मात्रा में भारतीय मुद्रा बरामद की गई।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि मणिपुर पुलिस, सेना, असम राइफल्स, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की संयुक्त टीमें घाटी और पहाड़ी इलाकों में तलाशी और आतंकवाद विरोधी अभियान जारी रखे हुए हैं।
इस बीच, सुरक्षा बलों ने २२ जुलाई को मणिपुर के नोनी जिले में हुई आपसी गोलीबारी की घटना के संबंध में किसी को गिरफ्तार नहीं किया है।
पुलिस के अनुसार, नोनी जिले के लोंगपी गांव के पास दवीजांग जंगल में एक उग्रवादी संगठन की आपसी लड़ाई में कम से कम पांच उग्रवादी मारे गए।
यह गोलीबारी चिन कुकी मिजो आर्मी (सीकेएमए) के सदस्यों के बीच हुई, जिसने सरकार के साथ किसी भी ऑपरेशन निलंबन (एसओओ) समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।
मणिपुर पुलिस ने लोगों से अफवाहें और फर्जी वीडियो फैलाने के खिलाफ सावधानी बरतने की चेतावनी दी है और अपील की है कि लोग अफवाहों पर विश्वास न करें।
पुलिस के एक बयान में कहा गया कि किसी भी वीडियो, ऑडियो क्लिप आदि की सत्यता केंद्रीय नियंत्रण कक्ष से पुष्टि की जा सकती है।
पुलिस ने कहा कि सोशल मीडिया पर कई फर्जी पोस्ट प्रसारित होने की संभावना है। बयान में चेतावनी दी गई है कि ऐसी फर्जी पोस्ट अपलोड करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, जनता से अपील की गई है कि लूटे गए हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक तुरंत पुलिस या निकटतम सुरक्षा बलों को लौटाएं।