क्या कलकत्ता हाईकोर्ट ने शेख शाहजहाँ के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश को बरकरार रखा?

सारांश
Key Takeaways
- सीबीआई जांच का आदेश बरकरार रहा है।
- शेख शाहजहाँ पर कई गंभीर आरोप हैं।
- राज्य पुलिस ने शाहजहाँ का नाम हटाया था।
- मामले में न्यायिक हिरासत चल रही है।
- सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणियों का प्रभाव है।
कोलकाता, 4 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने सोमवार को पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में 2019 में तीन भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जांच के संबंध में उसी अदालत की एकल-न्यायाधीश पीठ द्वारा दिए गए पहले के आदेश को बरकरार रखा।
इस मामले में मुख्य आरोपी तृणमूल कांग्रेस के निलंबित नेता शेख शाहजहाँ हैं।
वह जनवरी 2024 में अपने आवास के सामने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के कर्मियों पर हमले के मामले में भी मुख्य आरोपी हैं।
कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता की एकल पीठ ने 30 जून को इस मामले में सीबीआई जांच का आदेश दिया था। इसके बाद, शाहजहाँ ने एकल पीठ के आदेश के खिलाफ खंडपीठ का दरवाजा खटखटाया। शाहजहाँ पर पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपए के राशन वितरण मामले में संलिप्तता, महिलाओं का यौन उत्पीड़न, और संदेशखाली में अवैध रूप से जमीन हड़पने सहित अन्य आरोप भी हैं। वर्तमान में वह न्यायिक हिरासत में हैं।
यह मामला सोमवार को न्यायमूर्ति देबांग्शु बसाक और न्यायमूर्ति प्रसेनजीत बिस्वास की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आया। सुनवाई के अंत में उक्त पीठ ने शाहजहाँ की याचिका को खारिज कर दिया और एकल न्यायाधीश पीठ के आदेश को बरकरार रखा।
खंडपीठ ने यह भी कहा कि सर्वोच्च न्यायालय की हालिया टिप्पणी के अनुसार, एकल न्यायाधीश पीठ के आदेश को चुनौती देने वाली शाहजहाँ की याचिका स्वीकार्य नहीं है।
तीन भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या के मामले में, जब उत्तर 24 परगना जिला पुलिस ने जांच की, तब शाहजहाँ का नाम प्रारंभिक आरोपपत्र में था।
हालांकि, राज्य पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने जांच का जिम्मा संभालने के बाद शाहजहाँ का नाम आरोप पत्र से हटा दिया था।
कलकत्ता हाईकोर्ट में एक मामला दायर कर राज्य पुलिस पर शाहजहाँ को बचाने का आरोप लगाया गया और सीबीआई जांच की मांग की गई थी। अंततः सोमवार को न्यायमूर्ति सेनगुप्ता की पीठ ने मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए।