क्या अंशु मलिक ने पिता का सपना पूरा किया? जानें, जिन्होंने वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में इतिहास रचा

Click to start listening
क्या अंशु मलिक ने पिता का सपना पूरा किया? जानें, जिन्होंने वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में इतिहास रचा

सारांश

अंशु मलिक ने अपनी मेहनत और संघर्ष से कुश्ती की दुनिया में न केवल अपना नाम बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया है। जानिए उनके अद्भुत सफर के बारे में और कैसे उन्होंने वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में इतिहास रचा।

Key Takeaways

  • अंशु मलिक ने 2021 में वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप का फाइनल खेला।
  • वह भारत की पहली महिला पहलवान हैं जो इस स्तर पर पहुंची।
  • उनके पिता का सपना था कि वे ओलंपिक में देश का नाम रोशन करें।
  • अंशु को 2022 में 'अर्जुन अवॉर्ड' से सम्मानित किया गया।
  • उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में पदक जीते हैं।

नई दिल्ली, 4 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। अंशु मलिक, जो भारत की एक उभरती हुई महिला पहलवान हैं, ने अपनी छोटी उम्र में ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन किया है। वह 2021 में वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप के फाइनल में पहुँचने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। अंशु का मेहनत, जुनून और संघर्ष युवाओं के लिए एक प्रेरणा स्रोत हैं।

5 अगस्त 2001 को जींद में जन्मी अंशु मलिक एक कुश्ती परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता धर्मवीर, भाई शुभम और चाचा पवन सभी ने इस खेल में अपनी पहचान बनाई है।

निडानी गांव में पली-बढ़ीं अंशु ने महज 11 साल की उम्र में अपने भाई के साथ कुश्ती के दांव-पेंच सीखना शुरू किया। उनके परिवार ने उनके प्रतिभा को पहचाना और पूरी तरह से समर्थन दिया।

1990 के दशक में भारतीय कुश्ती टीम का हिस्सा रहे उनके पिता का सपना था कि उनकी बेटी एक दिन ओलंपिक में भारत का नाम रोशन करे। अंशु ने 'भारत सिंह मेमोरियल स्कूल' में कुश्ती की ट्रेनिंग शुरू की, जहाँ उन्हें कोच जगदीश श्योराण का मार्गदर्शन मिला।

अंशु ने 2016 में एशियाई कैडेट चैंपियनशिप में पदक जीता। 2017 में 60 किलोग्राम वजन वर्ग में उन्होंने विश्व कैडेट चैंपियन का खिताब जीता। 2018 में उन्होंने एशियाई कैडेट का खिताब भी जीता और वर्ल्ड कैडेट और जूनियर चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीते।

2020 में उन्होंने सीनियर स्तर पर अपनी पहचान बनानी शुरू की। उसी वर्ष माटेओ पेलिकोन रैंकिंग सीरीज में रजत और एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य पदक प्राप्त किया।

2021 में अंशु ने 57 किलोग्राम वर्ग में एशियन चैंपियन बनने का गौरव प्राप्त किया। टोक्यो 2020 में कोहली की चोट के कारण उन्हें राउंड 16 में हार का सामना करना पड़ा। 2024 के पेरिस ओलंपिक में भी उन्होंने देश का प्रतिनिधित्व किया।

अंशु ने 2022 के कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर मेडल जीता, जहाँ उन्हें नाइजीरिया की ओडुनायो अदेकुओरोये से हार का सामना करना पड़ा।

एशियाई चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली अंशु जापानी पहलवान काओरी इको को अपना आदर्श मानती हैं, जिन्होंने चार ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीते।

अंशु को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए 2022 में अर्जुन अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया है।

Point of View

बल्कि यह भारतीय कुश्ती के लिए एक नई दिशा दिखाने वाला है। उनकी मेहनत और संघर्ष ने न केवल उन्हें बल्कि समस्त देश को गर्वित किया है। यह कहानी हर युवा के लिए प्रेरणा है कि वे अपने सपनों का पीछा करें और उन्हें पूरा करें।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

अंशु मलिक ने कब वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप का फाइनल खेला?
अंशु मलिक ने 2021 में वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप का फाइनल खेला।
अंशु मलिक का जन्म कब हुआ?
अंशु मलिक का जन्म 5 अगस्त 2001 को जींद में हुआ।
अंशु मलिक को किस अवॉर्ड से सम्मानित किया गया?
उन्हें 2022 में 'अर्जुन अवॉर्ड' से सम्मानित किया गया है।
अंशु मलिक का आदर्श कौन है?
अंशु मलिक का आदर्श जापानी पहलवान काओरी इको हैं।
अंशु मलिक ने किस खेल में पदक जीते हैं?
अंशु मलिक ने कुश्ती में कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीते हैं।