क्या आंध्र प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को 895 करोड़ रुपए वापस मिलेंगे?

सारांश
Key Takeaways
- 895 करोड़ रुपए का रिफंड उपभोक्ताओं को मिलेगा।
- रिफंड की दर 13 पैसे प्रति यूनिट होगी।
- यह रिफंड अप्रैल 2024 से लागू होगा।
- रिफंड का भुगतान नवंबर 2025 से शुरू होगा।
- यह बिजली क्षेत्र में सुधार का एक महत्वपूर्ण कदम है।
अमरावती, 29 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। आंध्र प्रदेश विद्युत नियामक आयोग (एपीईआरसी) ने बिजली उपभोक्ताओं को 895 करोड़ रुपए की रिफंड का आदेश दिया है। यह रिफंड 13 पैसे प्रति यूनिट की दर से हर महीने दिया जाएगा।
आदेश के अनुसार, यह रिफंड अप्रैल 2024 से मार्च 2025 के बीच की खपत के लिए होगा, जिसका भुगतान नवंबर 2025 से अक्टूबर 2026 तक प्रति महीने किस्तों में किया जाएगा। सरकार ने सोमवार को कहा कि यह छूट अक्टूबर के बिजली खपत बिल पर लागू होगी।
राज्य सरकार ने दावा किया है कि लंबे समय से कर्ज में डूबे बिजली क्षेत्र ने 2024-25 के दौरान 895.12 करोड़ रुपए की बचत की है। ईंधन और बिजली खरीद लागत समायोजन (एफपीपीसीए) में हुई ऐतिहासिक बचत को देखते हुए आंध्र प्रदेश की डिस्कॉम इस साल नवंबर से राज्य के सभी बिजली उपभोक्ताओं को यह पैसा वापस करेगी।
एपीईआरसी ने बताया कि एफपीपीसीए के तहत 1,863.64 करोड़ रुपए का खर्च हुआ, जबकि 2024-25 के लिए बजट में 2,758.76 करोड़ रुपए का अनुमान था। इससे 895.12 करोड़ रुपए की बचत हुई है।
एपीईआरसी ने 2024-25 के लिए उपभोक्ताओं पर 40 पैसे प्रति यूनिट का एफपीपीसीए शुल्क लगाया था। इसमें से अब 895 करोड़ रुपए की वापसी हुई है, जो वितरण कंपनियों की ओर से उपभोक्ताओं के खाते में वापस जमा की जाएगी।
सरकार ने बिल रिफंड को एक ऐतिहासिक विकास बताया। 1999 में बिजली क्षेत्र में सुधार शुरू होने के बाद से यह पहली बार है, जब बिजली कंपनियां मासिक किस्तों में उपभोक्ताओं को एफपीपीसीए राशि वापस करेंगी।
एपीईआरसी के आदेश के अनुसार, डिस्कॉम-वार रिफंड राशि आंध्र प्रदेश दक्षिणी विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड (एपीएसपीडीसीएल) के लिए 0.1328 रुपए/किलोवाट घंटा, आंध्र प्रदेश केंद्रीय विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के लिए 0.1343 रुपए/किलोवाट घंटा और आंध्र प्रदेश पूर्वी विद्युत वितरण कंपनी (एपीईपीडीसीएल) के लिए 0.1312 रुपए/किलोवाट घंटा है।