क्या टीम इंडिया ने पाकिस्तान को धुलाई, पिटाई और जगहंसाई नहीं की? : मुख्तार अब्बास नकवी

सारांश
Key Takeaways
- टीम इंडिया ने एशिया कप में शानदार प्रदर्शन किया।
- मुख्तार अब्बास नकवी ने पाकिस्तान को लेकर कड़े शब्दों का प्रयोग किया।
- कांग्रेस की नीतियों पर सवाल उठाए गए।
- हिंसा के खिलाफ सख्त कदम उठाने की आवश्यकता।
- करूर भगदड़ के पीछे जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग।
नई दिल्ली, 29 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने एशिया कप के फाइनल में टीम इंडिया की जीत पर खुशी व्यक्त की।
उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि हमारे खिलाड़ियों ने पाकिस्तान को धुलाई भी की है, पिटाई भी की है और वैश्विक मंच पर जगहंसाई भी की है। आज वो मुल्क नहीं है कि दहशतगर्दी लाख सही, लेकिन रिश्ता निभाते रहिए, दिल मिले या नहीं मिले, हाथ मिलाते रहिए। अब ये वो देश नहीं रहा। आज की तारीख में हमारा देश बदल चुका है। आज ये देश अपने दुश्मनों को माकूल जवाब देना जानता है। अगर आज की तारीख में आपके हाथ गुनाहों से धुले हुए हैं, तो आपकी धुलाई भी होगी, पिटाई भी होगी और पूरी दुनिया में जगहंसाई भी होगी।
उन्होंने कांग्रेस पर भी निशाना साधा और कहा कि मुझे अभी तक यह समझ में नहीं आया है कि कांग्रेस और कराची के बीच क्या जुगलबंदी है। जब कभी भी कराची को चोट लगती है, तो कांग्रेस को दर्द क्यों होता है? कांग्रेस को अपनी सोच बदलनी होगी। उसे तय करना होगा कि उसे किसके साथ रहना है? हमारे खिलाड़ियों ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों के साथ सही सलूक किया है। उसे पूरी दुनिया के सामने बेनकाब करके उसे उसकी असली औकात याद दिलाई है। मुझे लगता है कि अब कांग्रेस को सवाल-जवाब की जुगलबंदी से बाहर निकलना चाहिए।
'आई लव मोहम्मद' को लेकर हुई हिंसा को भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने अस्वीकार्य बताया। उन्होंने कहा कि हिंसा को एक सभ्य समाज में किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकेगा। किसी को भी इस बात से कोई आपत्ति नहीं है कि आप ‘आई लव मोहम्मद’ कहिए या ‘आई लव महादेव’। लेकिन, इस बात का विशेष ध्यान रखिए कि इस तरह के नारों की आड़ में हिंसा को जमीन पर नहीं उतारें।
उन्होंने करूर भगदड़ पर कहा कि यह बहुत ही दुखद घटना है। इस भगदड़ में कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। इस भगदड़ के पीछे जो भी जिम्मेदार हैं, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। ऐसे सभी लोगों को चिन्हित करके उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि आम लोगों का भरोसा कानून-व्यवस्था पर बहाल हो सके।