क्या मलप्पुरम में प्रवासी मजदूर परिवार के तीन सदस्यों में मलेरिया की पुष्टि हुई है?

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क्या मलप्पुरम में प्रवासी मजदूर परिवार के तीन सदस्यों में मलेरिया की पुष्टि हुई है?

सारांश

मलप्पुरम जिले में मलेरिया के तीन नए मामले सामने आए हैं, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने तात्कालिक चेतावनी जारी की है। यह स्थिति प्रवासी मजदूरों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर चिंता का विषय है। प्रशासन ने मलेरिया की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य अभियान शुरू कर दिया है।

Key Takeaways

  • मलप्पुरम में मलेरिया के तीन नए मामले सामने आए हैं।
  • स्वास्थ्य विभाग ने तात्कालिक उपाय शुरू किए हैं।
  • जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।
  • मच्छरों के प्रजनन को नियंत्रित करने पर ध्यान दिया जा रहा है।
  • केरल में मलेरिया के मामलों में गिरावट आई है।

मलप्पुरम, 29 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मलप्पुरम जिले में निवास करने वाले एक प्रवासी मजदूर परिवार के तीन सदस्यों में सोमवार को मलेरिया की पुष्टि हुई है, जिसके बाद राज्य का स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है और इस बीमारी की रोकथाम के लिए आवश्यक कदम उठाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

अधिकारियों ने बताया कि चार दिन पहले उत्तर प्रदेश से वंदूर के अंबालापडी इलाके में पहुंचे इन व्यक्तियों में एक बच्चा और एक महिला शामिल हैं, जिनका परीक्षण वेक्टर जनित बीमारी के लिए सकारात्मक आया है। इनकी स्थिति का पता चलने के बाद उन्हें वंदूर अस्पताल के एक पृथक वार्ड में भर्ती कराया गया है।

इस बीमारी की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने इसके संभावित प्रसार को रोकने के लिए तात्कालिक कार्रवाई प्रारंभ कर दी है। स्वास्थ्य निरीक्षकों और कनिष्ठ स्वास्थ्य निरीक्षकों की एक संयुक्त टीम ने आशा कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर वंदूर इलाके में घर-घर जाकर जागरूकता अभियान चलाया और मलेरिया की रोकथाम से संबंधित पर्चे वितरित किए।

ये टीमें मच्छरों के प्रजनन के संभावित स्थानों की पहचान कर रही हैं, विशेषकर फेंके गए प्लास्टिक के सामान और गमलों में जमा पानी में, और निवासियों को मच्छरों के स्रोत को कम करने के उपायों के बारे में सलाह दे रही हैं।

कनिष्ठ स्वास्थ्य निरीक्षक श्रीजीत जी ने कहा, "हमने क्षेत्र में तुरंत, व्यापक मलेरिया-रोधी गतिविधियों और जागरूकता अभियान प्रारंभ किए हैं।" उन्होंने बताया कि मरीजों का हाल ही में दूसरे राज्य में जाने का इतिहास रहा है, जिससे इन मामलों को वर्तमान में 'आयातित' (बाहर के प्रदेश से आए) माना जा रहा है।

चिकित्सा विभाग, बुखार की निगरानी और रक्त के नमूने एकत्र करने के अभियान भी चला रहा है, खासकर प्रवासी कामगारों के बीच, ताकि आगे कोई भी मामला तुरंत पहचाना जा सके और उन्हें अलग किया जा सके।

मच्छरों के प्रजनन को नियंत्रित करने और अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्र में स्थानीयकृत ट्रांसमिशन को रोकने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, केरल ने पिछले एक दशक में मलेरिया के मामलों में निरंतर और तीव्र गिरावट हासिल की है। यह एक ऐसा राज्य था जिसने 1965 में इस बीमारी का प्रभावी उन्मूलन किया था, लेकिन अब यह मुख्य रूप से बाहरी स्रोतों से पुनः मलेरिया के प्रसार से जूझ रहा है।

स्वास्थ्य सेवा निदेशालय की आधिकारिक रिपोर्टों के अनुसार, राज्य में मलेरिया के मामलों में निरंतर गिरावट देखी गई है, जो 2010 में 2,299 मामलों से घटकर 2019 में 656 हो गया, और फिर 2021 में घटकर 309 मामले तक पहुंच गया।

Point of View

जिसे सभी राज्यों के स्वास्थ्य विभागों को मिलकर हल करने की आवश्यकता है। हमें इस मुद्दे पर जागरूकता फैलाने की जरूरत है ताकि ऐसे मामलों की रोकथाम हो सके।
NationPress
29/09/2025

Frequently Asked Questions

मलेरिया क्या है?
मलेरिया एक संक्रामक बीमारी है, जो संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलती है।
मलेरिया के लक्षण क्या हैं?
मलेरिया के लक्षणों में बुखार, ठंड लगना, सिर दर्द, और मांसपेशियों में दर्द शामिल हैं।
मलेरिया से बचने के उपाय क्या हैं?
मच्छरदानी का उपयोग करें, मच्छर repellents का उपयोग करें, और पानी जमा न होने दें।
मलेरिया का इलाज कैसे किया जाता है?
मलेरिया का इलाज एंटी-मलेरियल दवाओं से किया जाता है।
क्या मलेरिया का टीका मौजूद है?
हाँ, मलेरिया के लिए एक टीका विकसित किया गया है, लेकिन यह अभी भी परीक्षण में है।