क्या प्रियंका चतुर्वेदी का केंद्र पर हमला महाराष्ट्र की मदद करेगा?

सारांश
Key Takeaways
- महाराष्ट्र में भारी बारिश से जान-माल का नुकसान हुआ है।
- केंद्र सरकार ने राहत पैकेज की घोषणा नहीं की।
- प्रियंका चतुर्वेदी ने क्लाइमेट चेंज पर सवाल उठाए।
- बड़ी रैलियों में सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा जाता।
- ऑपरेशन सिंदूर और एशिया कप की तुलना विवादित है।
मुंबई, 29 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने महाराष्ट्र में हालिया भारी बारिश के कारण हुए नुकसान को लेकर केंद्र और राज्य सरकार पर कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अब तक कोई राहत पैकेज नहीं दिया है। उन्होंने यह भी पूछा कि हर बार महाराष्ट्र को नजरअंदाज क्यों किया जाता है।
चतुर्वेदी ने कहा कि महाराष्ट्र में भारी बारिश के कारण जान-माल का भारी नुकसान हुआ है, जिससे किसान भी प्रभावित हुए हैं। केंद्र ने इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि आर्थिक रूप से सशक्त राज्य होने के बावजूद, महाराष्ट्र और मुंबई की आवश्यकताओं को लगातार अनदेखा किया जा रहा है। क्या केंद्र ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कोई ठोस योजना या विशेषज्ञ समिति बनाई है? उन्होंने सवाल किया कि सरकार केवल चुनाव और क्रिकेट पर ट्वीट करने के बजाय इस गंभीर मुद्दे पर ध्यान कब देगी। इस जिम्मेदारी को केंद्र और राज्य सरकार को साझा करना चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा इटली की प्रधानमंत्री मेलोनी की किताब का फॉरवर्ड लिखने पर चतुर्वेदी ने उनकी प्रशंसा की और कहा कि पीएम मोदी के अंतरराष्ट्रीय संबंध मजबूत हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि इस प्रयास से भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को मजबूती मिली है और यह भारत की विदेश नीति के लिए महत्वपूर्ण है।
चतुर्वेदी ने विजय की करूर रैली में हुई भगदड़ पर चिंता जताई और कहा कि इतनी बड़ी भीड़ में सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा जाता, जिससे निर्दोष लोगों की जानें जाती हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों को अनुमति देते समय कानून-व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया जाता। जिन लोगों को लोग भगवान मानते हैं, वही संकट के समय भाग खड़े होते हैं। उन्होंने अपील की कि लोग अपनी जान को जोखिम में डालकर भीड़ न करें।
प्रधानमंत्री मोदी के एशिया कप में भारत की जीत पर किए गए ट्वीट को लेकर चतुर्वेदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की तुलना एक क्रिकेट मैच से करना गलत है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर एक सशक्त जवाब था, जबकि क्रिकेट केवल मनोरंजन है।
इसकी तुलना एक खेल से करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।