क्या हरियाणा में किसानों को उचित मुआवजा नहीं मिलने पर इनेलो बड़ा आंदोलन करने जा रही है?: अभय सिंह चौटाला

सारांश
Key Takeaways
- इनेलो का आंदोलन किसानों के हक के लिए है।
- सरकार की लापरवाही से किसान परेशान हैं।
- मुआवजे की मांग को लेकर किसानों में असंतोष है।
- भारी बारिश ने फसलों को नुकसान पहुँचाया है।
- किसानों की लड़ाई को अंत तक लड़ा जाएगा।
चंडीगढ़, 29 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय सिंह चौटाला ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में हरियाणा सरकार पर किसानों के मुद्दे को लेकर तीखा हमला किया। उन्होंने बताया कि हाल में हुई भारी बारिश से फसलें गंभीर रूप से प्रभावित हुई हैं, लेकिन किसानों के लिए अब तक कोई मुआवजा नहीं दिया गया है। न ही खेतों से पानी निकाला गया है, और न ही किसी प्रकार का राहत पैकेज घोषित किया गया है।
इनेलो अध्यक्ष ने चेतावनी दी कि यदि अगले 15 दिनों में सरकार ने किसानों को उचित मुआवजा नहीं दिया और खेतों से जल निकासी की व्यवस्था नहीं की, तो इनेलो किसानों के साथ मिलकर एक बड़ा आंदोलन करेगी। उन्होंने कहा, "यह किसानों की लड़ाई होगी, और हम इसे अंत तक लड़ेंगे।"
अभय चौटाला ने हरियाणा विधानसभा में उठे जलभराव और फसल क्षति के मुद्दे का संदर्भ देते हुए कहा कि भिवानी, हिसार और रोहतक जैसे जिलों में 2,000 एकड़ से अधिक कृषि भूमि जलमग्न हो गई है। सरकार की लापरवाही से किसान परेशान हैं, जबकि ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर 2.53 लाख किसानों ने मुआवजे के लिए पंजीकरण कराया है। उन्होंने प्रति एकड़ 61,000 रुपए का मुआवजा देने और विशेष गिरदावरी कराने की मांग की।
चौटाला ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष उदयभान पर भी तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा, "उदयभान के पिता एक दिन में तीन-तीन पार्टियां बदलते थे, 'आया राम गया राम' इसी कारण प्रसिद्ध हुआ।" पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, "मनोहर लाल खट्टर ने हुड्डा के जन्मदिन पर बधाई दी और कहा कि हुड्डा रिटायर नहीं होना चाहिए, क्योंकि वे खुद नहीं चाहते कि उनकी जगह कोई और कांग्रेस में आए।" उन्होंने कहा, "मुझे गोपाल कांडा के कारण नुकसान हुआ। मुझे उनसे गठबंधन नहीं करना चाहिए था।"
उन्होंने कहा, हुड्डा ने नेता प्रतिपक्ष बनने के लिए हाईकमान पर दबाव डाला कि कांग्रेस खत्म हो जाएगी, लेकिन वे खुद समाप्त हो गए। हुड्डा अहंकार में समाप्त हो रहे हैं। उन्होंने कई सीनियर नेताओं को कांग्रेस से बाहर निकाल दिया। हुड्डा केवल अपने बेटे को सेट करना चाहते हैं, उन्हें कांग्रेस से कोई मतलब नहीं।