क्या ईडी ने रंजीत ऑटोमोबाइल्स के खिलाफ अभियोजन शिकायत दायर की है?

सारांश
Key Takeaways
- रंजीत ऑटोमोबाइल्स पर ईडी की कार्रवाई से कंपनियों के लिए एक चेतावनी है।
- धन शोधन के मामलों में सख्त कानूनी कार्रवाई हो रही है।
- आर्थिक धोखाधड़ी के मामलों में पारदर्शिता बढ़ाने की आवश्यकता है।
भोपाल, 29 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के भोपाल क्षेत्रीय कार्यालय ने 23 सितंबर को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के तहत रंजीत ऑटोमोबाइल्स प्राइवेट लिमिटेड, रंजीत मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड और अन्य के खिलाफ विशेष न्यायालय (पीएमएलए), भोपाल में अभियोजन शिकायत (पीसी) पेश की है। न्यायालय ने धन शोधन के अपराध का संज्ञान लिया है।
इससे पहले, ईडी ने 16 सितंबर को अनंतिम कुर्की आदेश के तहत पीएमएलए, 2002 के अंतर्गत भोपाल स्थित 27.30 करोड़ रुपए मूल्य की अचल संपत्ति को अनंतिम रूप से कुर्क किया था।
ईडी ने सीबीआई, राज्य बैंक, भोपाल द्वारा आईपीसी, 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज एक प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू की। इसके बाद सीबीआई की ओर से कई व्यक्तियों के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया गया।
ईडी की जांच से पता चला कि आरोपियों ने कैश क्रेडिट लिमिट का लाभ उठाकर बैंक ऑफ बड़ौदा से 34.36 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की। जांच में यह भी सामने आया कि आरोपियों ने 2010 में 7.50 करोड़ रुपए की कैश क्रेडिट लिमिट का लाभ उठाया, जिसे 2015 में बढ़ाकर 42 करोड़ रुपए किया गया।
ईडी की जांच में यह भी सामने आया कि जिन निधियों का उपयोग व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए किया जाना था, उन्हें उनकी सहयोगी कंपनियों में स्थानांतरित कर दिया गया। इन निधियों का उपयोग कुर्क की गई संपत्ति के अधिग्रहण और विकास के लिए लिए गए ऋण के पुनर्भुगतान में किया गया।