क्या है शान का शानदार सफर: एक जिंगल्स गायक से बॉलीवुड के चमकते सितारे तक का सफर?

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क्या है <b>शान</b> का शानदार सफर: एक <b>जिंगल्स</b> गायक से बॉलीवुड के चमकते सितारे तक का सफर?

सारांश

बॉलीवुड के शान का सफर प्रेरणादायक है। जिंगल्स गाकर शुरू हुआ उनका करियर, आज उन्हें सबसे प्रिय गायकों में से एक बनाता है। जानें कि कैसे उन्होंने अपने संघर्षों को पार किया और संगीत की दुनिया में अपनी पहचान बनाई।

Key Takeaways

  • शान का असली नाम शांतनु मुखर्जी है।
  • उन्होंने जिंगल्स गाकर अपने करियर की शुरुआत की।
  • उनकी पहली बड़ी हिट 'मुसू मुसू हासी' थी।
  • उन्होंने विभिन्न भाषाओं में गाने गाए हैं।
  • उन्हें कई पुरस्कार मिल चुके हैं।

मुंबई, 29 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बॉलीवुड के प्रख्यात गायक शान का नाम संगीत की दुनिया में अपनी अनोखी पहचान बनाने वाले कलाकारों में शामिल है। उनकी आवाज़ ने न केवल हिंदी सिनेमा को, बल्कि विभिन्न भाषाओं के संगीत को भी एक नई दिशा प्रदान की है। शान की गायकी की शुरुआत एक खास तरीके से हुई थी, जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। उन्होंने सीधे फ़िल्मों में गाना गाने के बजाय पहले कई विज्ञापनों के लिए जिंगल्स गाए। यह उनका पहला कदम था, जिसने उन्हें संगीत की दुनिया में मजबूत पकड़ दिलाई। इस सफर में कई चुनौतियाँ आईं, लेकिन शान ने कभी हार नहीं मानी और आज वह बॉलीवुड के सबसे प्रिय गायकों में से एक हैं।

शान का असली नाम शांतनु मुखर्जी है। उनका जन्म 30 सितंबर 1972 को मध्य प्रदेश के खंडवा शहर में हुआ था। वह एक बंगाली परिवार से हैं। उन्हें बचपन से ही संगीत का शौक था। उनके दादा जाहर मुखर्जी एक प्रसिद्ध गीतकार थे, जबकि उनके पिता मानस मुखर्जी एक म्यूजिक डायरेक्टर थे। इस वजह से शान के अंदर भी संगीत के प्रति गहरा लगाव था। वह केवल चार साल के थे जब उन्होंने गाना शुरू कर दिया था।

महज 13 साल की उम्र में शान के सिर से पिता का साया उठ गया था। ऐसे में उन्होंने अपने परिवार की मदद करने के लिए छोटी उम्र में ही काम करना शुरू कर दिया था।

उन्होंने अपने करियर की शुरुआत विज्ञापनों के लिए जिंगल्स गाकर की। यह दौर उनके लिए बेहद महत्वपूर्ण था क्योंकि जिंगल्स ने उनकी आवाज़ को पहचान दिलाई और उन्हें गायकी का एक मंच मिला। कई बार उनके जिंगल्स इतने प्रसिद्ध हुए कि लोग उनकी आवाज़ को पहचानने लगे।

इसके बाद शान ने बॉलीवुड में अपने करियर की शुरुआत फिल्म 'परिंदा' (1989) से की। उस समय उनकी उम्र केवल 17 साल थी और उन्होंने फिल्म के एक गाने में पार्श्व गायक के रूप में अपनी आवाज़ दी। बाद में शान ने आर.डी. बर्मन के लोकप्रिय गाने 'रूप तेरा मस्ताना' का रीमिक्स वर्जन गाया, जिसे लोगों ने काफी पसंद किया। इस गाने ने उन्हें बॉलीवुड में और भी आगे बढ़ने का अवसर प्रदान किया।

1999 में शान के करियर में सुनहरा मोड़ आया, जब उन्होंने फिल्म 'प्यार में कभी कभी' के लिए गाना 'मुसू मुसू हासी' गाया। इस गाने को दर्शकों का भरपूर प्यार मिला और यह उनकी पहली बड़ी हिट साबित हुई। इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में अपनी आवाज़ दी जैसे 'लगान', 'साथिया', 'फना', 'भूल भुलैया', 'ओम शांति ओम' और 'दिल चाहता है' के गानों को खासा लोकप्रिय बनाया।

शान ने न केवल हिंदी में, बल्कि बंगाली, मराठी, उर्दू, तेलुगु, कन्नड़ और कई अन्य भाषाओं में भी गाने गाए हैं। उनकी बहुमुखी प्रतिभा ने उन्हें एक बहुभाषी सिंगर के रूप में स्थापित किया। इसके साथ ही उन्होंने कई म्यूजिक रियलिटी शो जैसे 'सारेगामापा', 'सारेगामापा लिटिल चैम्प्स', और 'स्टार वॉइस ऑफ इंडिया' को होस्ट भी किया है, जिससे उन्हें अलग पहचान मिली।

अपने करियर में शान को कई पुरस्कार मिले हैं। उन्हें दो फिल्मफेयर पुरस्कार और तीन अंतरराष्ट्रीय भारतीय फिल्म अकादमी (आईफा) पुरस्कार मिल चुके हैं।

Point of View

शान का सफर हमें यह सिखाता है कि कठिनाइयों का सामना करने और लगातार मेहनत करने से हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं। उनका संगीत न केवल भारतीय संस्कृति को समृद्ध करता है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा भी है।
NationPress
29/09/2025

Frequently Asked Questions

शान का असली नाम क्या है?
शान का असली नाम शांतनु मुखर्जी है।
शान ने बॉलीवुड में किस फिल्म से शुरुआत की?
शान ने फिल्म 'परिंदा' (1989) से अपने करियर की शुरुआत की।
कौन सा गाना शान की पहली बड़ी हिट थी?
'मुसू मुसू हासी' गाना शान की पहली बड़ी हिट साबित हुई।
क्या शान ने अन्य भाषाओं में भी गाने गाए हैं?
शान ने हिंदी के अलावा बंगाली, मराठी, उर्दू, तेलुगु, कन्नड़ सहित कई भाषाओं में गाने गाए हैं।
शान को कितने पुरस्कार मिल चुके हैं?
शान को दो फिल्मफेयर पुरस्कार और तीन आईफा पुरस्कार मिल चुके हैं।