क्या अगले कुछ वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग भारत में रोजगार का बड़ा सेक्टर बनेगा?

सारांश
Key Takeaways
- इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में नए सप्लायर का आना लगातार जारी है।
- यह क्षेत्र छोटे और मध्यम उद्यमों द्वारा संचालित होता है।
- भारत में सेमीकंडक्टर उद्योग की खुदरा मांग दोगुनी हो रही है।
- पिछले 11 वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में छह गुना वृद्धि हुई है।
- मोबाइल फोन और लैपटॉप की असेंबली से आगे बढ़कर निर्माण की दिशा में जा रहा है।
नई दिल्ली, 29 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय रेल और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को कहा कि भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग का तेजी से विस्तार हो रहा है और हर सप्ताह नए सप्लायर और डिजाइन क्षमताएं सामने आ रही हैं।
उन्होंने बताया कि यह क्षेत्र मुख्य रूप से छोटे और मध्य उद्यमों द्वारा संचालित होता है।
केंद्रीय मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, "इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम का विस्तार हो रहा है। हर सप्ताह नए सप्लायर, जो अधिकतर छोटे और मध्यम उद्यम हैं, उभर रहे हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "नए डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग प्रक्रियाएं निरंतर विकसित हो रही हैं। अगले कुछ वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर भारत में रोजगार के प्रमुख क्षेत्रों में से एक बनेगा।"
इसी महीने केंद्रीय मंत्री ने बेंगलुरु में सेमीकंडक्टर डिजाइन से जुड़ी कंपनी, एआरएम के नए कार्यालय का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि एआई सर्वर, ड्रोन और मोबाइल फोन में उपयोग होने वाले 2 नैनोमीटर के सबसे एडवांस चिप्स इसी यूनिट से डिजाइन किए जाएंगे।
भारत की सेमीकंडक्टर यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के साथ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारा उद्देश्य सेमीकंडक्टर के साथ-साथ उनके लिए आवश्यक उपकरणों और सामग्रियों का डिजाइन और निर्माण करना है।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि सेमीकंडक्टर क्षेत्र में अगले 20 वर्षों के विजन के तहत देश के युवाओं और प्रतिभाशाली इंजीनियरों को विश्व स्तर पर सर्वोत्तम अवसर प्राप्त होंगे।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में प्रगति के कारण सेमीकंडक्टर चिप्स की मांग दोगुनी हो गई है।
भारत की उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में देश में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में छह गुना वृद्धि हुई है। वर्तमान में यह 11.5 लाख करोड़ रुपए का उद्योग है। वहीं, निर्यात में आठ गुना वृद्धि हुई है और इलेक्ट्रॉनिक्स भारत के लिए प्रमुख निर्यात उत्पाद बन गए हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मोबाइल फोन और लैपटॉप की असेंबली से शुरू हुआ यह सफर, अब उनके मॉडल, कंपोनेंट्स और तैयार सामग्रियों के उत्पादन की ओर बढ़ रहा है।