क्या पूर्व देवस्वोम मंत्री ने एलओपी सतीशन को चुनौती दी है?
सारांश
Key Takeaways
- सबरीमला सोना चोरी विवाद में राजनीतिक तनाव बढ़ रहा है।
- कडकमपल्ली सुरेंद्रन ने सतीशन को चुनौती दी है।
- विवाद अब अदालत में है।
- सतीशन के आरोप गंभीर हैं।
- यह मामला केरल की राजनीति में एक बड़ा विवाद बनता जा रहा है।
तिरुवनंतपुरम, 17 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। सबरीमला सोना चोरी विवाद ने राजनीतिक हलचल को और बढ़ा दिया है, जब सीपीआई-एम विधायक और पूर्व देवस्वोम मंत्री कडकमपल्ली सुरेंद्रन ने केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशन को सार्वजनिक रूप से चुनौती दी कि वे उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों के समर्थन में सबूत पेश करें।
यह चुनौती एक फेसबुक पोस्ट के माध्यम से दी गई, जिससे यह विवाद और भी गहरा हो गया, जो पहले ही अदालत में पहुँच चुका है।
विवाद की शुरुआत तब हुई, जब सबरीमला में सोने की कथित चोरी का मामला सामने आया। इसके बाद सतीशन ने आरोप लगाया कि मंदिर से सोने की प्लेटिंग हटाने और उसकी बिक्री में कडकमपल्ली सुरेंद्रन की भूमिका रही है। विपक्ष के नेता ने विधानसभा के भीतर और बाहर कई बार यह आरोप दोहराते हुए कहा कि यह सब पूर्व मंत्री की जानकारी और सहमति से हुआ।
आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कडकमपल्ली सुरेंद्रन ने तिरुवनंतपुरम की एक अदालत का रुख किया और सतीशन के बयानों को वापस लेने, सार्वजनिक माफी तथा अपनी प्रतिष्ठा को पहुंचे नुकसान के लिए मुआवजे की मांग की।
हाल में इस मामले की सुनवाई हुई, जिसके बाद कडकमपल्ली के वकील, अधिवक्ता राजगोपाल ने फेसबुक पर पोस्ट कर कहा कि मीडिया में प्रकाशित कुछ जानकारियां तथ्यात्मक रूप से गलत हैं। कडकमपल्ली ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर वकील की इस पोस्ट को साझा किया।
हालांकि, विवाद ने तब नया मोड़ ले लिया जब सतीशन ने अपने आरोपों को दोहराया। इसके जवाब में कडकमपल्ली ने खुली चुनौती देते हुए कहा कि विपक्ष के नेता या तो ठोस सबूत सार्वजनिक करें या फिर अपने आरोप वापस लें।
अपने पोस्ट में कडकमपल्ली ने आरोपों को निराधार और राजनीतिक रूप से प्रेरित बताया और कहा कि सतीशन को अपने दावों को कानूनी रूप से साबित करना होगा।
चुनौती पर प्रतिक्रिया देते हुए सतीशन ने पत्रकारों से कहा कि वे कडकमपल्ली के खिलाफ सबूत अदालत में पेश करेंगे। उन्होंने कहा कि वे अपने बयानों पर कायम हैं और उनका मुख्य सवाल यह है कि सबरीमला से हटाई गई सोने की प्लेटिंग आखिर गई कहां।
सतीशन ने यह भी दावा किया कि देवस्वोम बोर्ड के सदस्यों द्वारा उठाए गए कदम तत्कालीन मंत्री की जानकारी के बिना संभव नहीं हो सकते।
कानूनी कार्यवाही जारी रहने और राजनीतिक तापमान बढ़ने के बीच, सबरीमला सोना चोरी मामला केरल की राजनीति में एक बड़े विवाद के रूप में उभरता जा रहा है। दोनों पक्षों ने संकेत दिए हैं कि अब यह लड़ाई निर्णायक रूप से अदालत में लड़ी जाएगी।