क्या भारत-न्यूजीलैंड एफटीए, महिलाओं के नेतृत्व वाला पहला मुक्त व्यापार समझौता है?: पीएम मोदी
सारांश
Key Takeaways
- यह एफटीए महिलाओं के नेतृत्व में बना पहला मुक्त व्यापार समझौता है।
- 100 प्रतिशत ड्यूटी कटौती की जाएगी।
- 15 साल में 20 अरब डॉलर के निवेश का आश्वासन है।
- सभी क्षेत्रों में व्यापार को प्रोत्साहन मिलेगा।
- भारत की आर्थिकी को मजबूत करेगा।
नई दिल्ली, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि भारत-न्यूजीलैंड फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) एक ऐतिहासिक समझौता है और यह देश का पहला महिलाओं के नेतृत्व वाला एफटीए है।
पीएम मोदी ने बताया कि इस एफटीए के लिए न्यूजीलैंड से बातचीत हेतु बनाई गई पूरी टीम की सभी सदस्य महिलाएं थीं।
उन्होंने केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल द्वारा लिखित एक लेख को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा किया, जिसमें बताया गया है कि भारत के मुक्त व्यापार समझौते अब केवल शुल्क कटौती से परे हैं और यह अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने और लाखों लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए एक व्यापक मिशन का हिस्सा हैं।
पीएम ने कहा, "उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत-न्यूजीलैंड मुक्त व्यापार समझौता एक ऐतिहासिक उपलब्धि है क्योंकि यह भारत का पहला महिला नेतृत्व वाला मुक्त व्यापार समझौता है। वार्ता टीम में लगभग सभी महिलाएं शामिल थीं।"
यह मुक्त व्यापार समझौता भारत की व्यापार कूटनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जो व्यापक आर्थिक सहयोग के नए रास्ते खोलता है। भारतीय वस्तुओं के लिए बेहतर बाजार पहुंच सुनिश्चित करके, सेवाओं और परिवहन में अवसरों का विस्तार करके और कृषि, निवेश तथा उभरते क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करके, यह समझौता अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में ठोस और व्यापक लाभ प्रदान करता है।
एफटीए के तहत भारतीय एक्सपोर्ट पर 100 प्रतिशत ड्यूटी खत्म हो जाएगी, साथ ही लंबे समय तक आर्थिक और रणनीतिक सहयोग को मजबूत करने के लिए 15 वर्षों में 20 अरब डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता भी है। न्यूजीलैंड का मार्केट एक्सेस ऑफर "एंट्री इनटू फोर्स" (ईआईएफ) से न्यूजीलैंड की 100 प्रतिशत टैरिफ लाइनों (8,284 टैरिफ लाइनें) पर तुरंत ड्यूटी खत्म (जीरो ड्यूटी) हो जाएगी।
सरकार के अनुसार, किसानों और एमएसएमई से लेकर छात्रों और कुशल प्रोफेशनल्स तक, इस समझौते से बड़े पैमाने पर फायदा होने की उम्मीद है, जिससे एक भरोसेमंद, दूरदर्शी वैश्विक भागीदार के रूप में भारत की स्थिति मजबूत होगी और विश्व स्तर पर एकीकृत विकसित भारत 2047 के विजन को आगे बढ़ाया जाएगा।