क्या भारत-न्यूजीलैंड एफटीए की बातचीत से व्यापार और निवेश के संबंधों में सुधार होगा?
सारांश
Key Takeaways
- भारत और न्यूजीलैंड के बीच एफटीए से व्यापार संबंध मजबूत होंगे।
- निवेश के नए अवसर उत्पन्न होंगे।
- दोनों देशों के आर्थिक विकास में सहयोग बढ़ेगा।
- डायस्पोरा का योगदान महत्वपूर्ण होगा।
- इंक्लूसिव और सस्टेनेबल विकास पर जोर दिया जाएगा।
नई दिल्ली, ५ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन से अपनी मुलाकात को अत्यंत सकारात्मक बताते हुए कहा कि भारत न्यूजीलैंड के साथ अपनी बढ़ती साझेदारी को बहुत अधिक महत्व देता है।
गॉयल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "भारत-न्यूजीलैंड एफटीए पर चल रही बातचीत से व्यापार, निवेश और इनॉवेशन के संबंधों को बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त होगा। हम इस साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए उत्साहित हैं।"
उन्होंने बताया कि वे पीएम क्रिस्टोफर और ट्रेड मिनिस्टर टॉड मैकक्ले के साथ भारतीय समुदाय के कार्यक्रम में शामिल हुए थे।
गॉयल ने इस इवेंट में अपने संबोधन के दौरान कहा, "मैंने पीएम मोदी के भारत-न्यूजीलैंड साझेदारी को मजबूत बनाने के विजन पर चर्चा की और बताया कि एक फेयर और बैलेंस्ड एफटीए किस प्रकार नए अवसरों को उत्पन्न कर सकता है। साथ ही, यह एफटीए दोनों देशों के लोगों को लाभ पहुंचाने में सहायक होगा।"
उन्होंने कहा, "मैंने भारतीय प्रवासी के अद्भुत योगदान पर भी जोर दिया, जो दोनों देशों के बीच आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।"
गॉयल ने आगे कहा, "हमने लगातार डायरेक्ट और इनडायरेक्ट दोनों तरह के टैक्स कम किए हैं। अब ऐसे कानूनों से क्रिमिनलाइजेशन का कोई खतरा नहीं है, जो छोटी-मोटी गलतियों के लिए कानूनी कार्रवाई की धमकी देते हैं। हमारी कोशिश है कि भारत को एक आकर्षक डेस्टिनेशन बनाया जाए।"
उन्होंने कार्यक्रम में भारत-न्यूजीलैंड एफटीए के बारे में कहा, "न्यूजीलैंड के साथ संभावित फ्री ट्रेड एग्रीमेंट न केवल हमारे व्यापार और निवेश संबंधों को मजबूती प्रदान करेगा, बल्कि यह दुनिया को एक बड़ा संदेश देगा कि न्यूजीलैंड और भारत एक-दूसरे के करीब आ गए हैं। हम दोनों देशों के लोगों के बेहतर भविष्य के लिए मिलकर काम करेंगे, नए बिजनेस मौके प्रदान करेंगे, रोजगार के नए अवसर पैदा करेंगे और दोनों देशों के आर्थिक विकास में योगदान देंगे। क्योंकि इंक्लूसिव और सस्टेनेबल विकास हमारे सिद्धांत के मूल में है।"