क्या कर्नाटक में भाजपा का किसान आंदोलन बड़ा साबित होगा, सुर्वण सौधा का घेराव?

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क्या कर्नाटक में भाजपा का किसान आंदोलन बड़ा साबित होगा, सुर्वण सौधा का घेराव?

सारांश

कर्नाटक में भाजपा ने किसानों के समर्थन में एक बड़ा आंदोलन शुरू करने की योजना बनाई है। क्या यह आंदोलन किसानों की समस्याओं को उजागर करेगा? जानें इस आंदोलन के पीछे की कहानी और इसके संभावित प्रभाव।

Key Takeaways

  • किसान आंदोलन में 20,000 से 25,000 लोग भाग लेंगे।
  • किसानों की समस्याओं को उजागर करने के लिए आंदोलन किया जा रहा है।
  • कांग्रेस सरकार पर किसान-विरोधी नीतियों का आरोप।
  • भाजपा के नेता किसानों के अधिकारों के लिए आवाज उठाएंगे।
  • आंदोलन से प्रदेश की विकास नीति पर प्रभाव पड़ेगा।

बेलगावी, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक भाजपा के अध्यक्ष और विधायक बी.वाई. विजयेंद्र ने यह घोषणा की है कि मंगलवार (9 दिसंबर) की सुबह किसान बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करेंगे और बेलगावीसुवर्ण सौधा का घेराव करेंगे।

सोमवार को मलिनी सिटी ग्राउंड में प्रदर्शन स्थल का निरीक्षण करते समय उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बताया कि बेलगावी जिले के विधायक, एमएलसी और आसपास के जिलों के किसान इस आंदोलन में शामिल होंगे। उनके अनुसार, कम से कम 20 से 25 हजार लोग इस प्रदर्शन में भाग लेंगे।

विजयेंद्र ने कांग्रेस सरकार पर किसान–विरोधी नीतियां अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार किसानों की परेशानी सुनने को तैयार नहीं है।

उन्होंने कहा, “केंद्र द्वारा मक्का का एमएसपी 2,400 रुपये तय किया गया है, लेकिन खरीद केंद्र समय पर शुरू न होने के कारण किसान 1,500–1,600 रुपये में बेचने को मजबूर हैं।” इसके साथ ही उन्होंने गन्ना, कपास और तूर दाल किसानों के मुद्दे पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की।

उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार की आंतरिक खींचतान, खासकर मुख्यमंत्री के मुद्दे को लेकर चल रही लड़ाई का असर प्रदेश के विकास पर पड़ रहा है।

विजयेंद्र ने कहा, “कांग्रेस सरकार हर समस्या में केंद्र पर आरोप लगाकर अपनी विफलताओं को छिपाने की कोशिश कर रही है। किसानों से जुड़े मुद्दे हों या रोजगार, कहीं भी जवाबदेही नजर नहीं आती।”

उन्होंने यह भी दावा किया कि चुनाव के दौरान कांग्रेस ने बेरोजगारी खत्म करने और लाखों युवाओं को नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन आज तक अमल नहीं हुआ। साथ ही उन्होंने कहा कि बुनकरों की समस्याएं और उत्तरी कर्नाटक की सिंचाई परियोजनाओं को भी विधानसभा सत्र में मजबूती से उठाया जाएगा।

विपक्ष के नेता आर. अशोक ने भी किसानों के समर्थन में आवाज उठाने की घोषणा की। उन्होंने कहा, “भाजपा और पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा हमेशा किसान हितैषी रहे हैं। हम विधानसभा में किसानों के अधिकारों के लिए जोरदार आवाज उठाएंगे। बीजेपी आंदोलनों से बनी है और किसानों की लड़ाई पूरी मजबूती से लड़ेगी।”

प्रदर्शन स्थल पर मौजूद नेताओं में चालवाड़ी नारायणस्वामी, पी. राजीव, सी. टी. रवि, विठल हळगेकर, अभय पाटिल, अनिल बेनाके, संजय पाटिल, शरण्णु तल्लिकेरी, गीत़ा सुतार, सुबाष पाटिल, एम.बी. जिराली और अरविंद पाटिल सहित कई वरिष्ठ नेता शामिल रहे।

Point of View

बल्कि पूरे देश की कृषि नीति पर सवाल उठाता है। किसानों की समस्याएं गंभीर हैं, और सरकार को इनका समाधान जल्द निकालना होगा। यह आंदोलन किसानों की आवाज को मजबूती से उठाने का एक प्रयास है।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

किसान आंदोलन का मुख्य उद्देश्य क्या है?
किसान आंदोलन का मुख्य उद्देश्य किसानों की समस्याओं को उजागर करना और उनकी मांगों को सरकार के सामने रखना है।
किसान आंदोलन कब और कहां हो रहा है?
किसान आंदोलन 9 दिसंबर को बेलगावी में सुवर्ण सौधा का घेराव करने के लिए आयोजित किया जा रहा है।
इस आंदोलन में कितने किसान भाग लेंगे?
आंदोलन में अनुमानित 20,000 से 25,000 किसान भाग लेंगे।
किसान आंदोलन का समर्थन कौन कर रहा है?
किसान आंदोलन का समर्थन भाजपा के कई नेताओं सहित विपक्ष के नेता आर. अशोक कर रहे हैं।
किसानों की प्रमुख समस्याएं क्या हैं?
किसानों की प्रमुख समस्याएं एमएसपी, खरीद केंद्रों की कमी और बेरोजगारी हैं।
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