क्या बेंगलुरु में आर्थिक तंगी ने नानी और मां को बेटे की हत्या के बाद आत्महत्या के लिए मजबूर किया?
सारांश
Key Takeaways
- आर्थिक तंगी मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डाल सकती है।
- समाज में सामाजिक असमानता की समस्या गंभीर है।
- सरकारी सहायता की आवश्यकता है।
- परिवारों को एक-दूसरे का सहारा बनने की जरूरत है।
- युवाओं के लिए मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं जरूरी हैं।
बेंगलुरु, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में सोमवार को एक बेहद दर्दनाक घटना सामने आई, जहां आर्थिक संकट से जूझ रही एक महिला और उसकी मां ने कथित रूप से अपने 14 वर्षीय बच्चे की हत्या करने के बाद आत्महत्या कर ली। यह मामला तवरेकेरे क्षेत्र के कोरमंगला के एस.जी. पालय पुलिस स्टेशन क्षेत्र का है।
मृतकों की पहचान 14 वर्षीय मौनीश, उसकी 38 वर्षीय मां सुधा और 68 वर्षीय दादी मुद्धम्मा के रूप में हुई है। प्रारंभिक जांच में संदेह जताया गया है कि पहले बच्चे को जहर दिया गया और फिर दोनों महिलाओं ने भी जहर खाकर जान दे दी।
सूचना मिलते ही बेंगलुरु के दक्षिण-पूर्व डिवीजन की डीसीपी सारा फातिमा मौके पर पहुंचीं और घटनास्थल की जांच की। उन्होंने बताया कि आपातकालीन नंबर 112 पर फोन आने के बाद पुलिस टीम घर पहुंची तो तीनों के शव पड़े मिले। फिलहाल मौत के सही कारणों का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही चलेगा।
परिवार मूल रूप से तमिलनाडु का रहने वाला था। रविवार को वे धर्मपुरी के एक मंदिर गए थे। मौनीश क्राइस्ट स्कूल में कक्षा 7 का छात्र था।
पुलिस जांच में सामने आया कि सुधा और मुद्धम्मा पहले बिरयानी बेचकर एक छोटा होटल चलाती थीं, लेकिन घाटा होने पर उन्होंने व्यवसाय बदला। बाद में उन्होंने चिप्स और दूध बेचना शुरू किया और अंत में घरेलू काम करने लगीं। लगातार बढ़ते कर्ज ने उन्हें मानसिक रूप से तोड़ दिया था। कुछ वर्ष पहले सुधा का पति से भी अलग हो गया था, जिसके बाद मौनीश और सुधा, मुद्धम्मा के साथ रह रहे थे।
रविवार रात घर में जहर खाने के बाद तीनों बेहोश पड़े मिले। पड़ोसियों ने जब दरवाजा नहीं खुला और घर में सन्नाटा देखा तो पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने कहा कि आगे की जांच जारी है और कर्ज तथा आर्थिक हालत को आत्महत्या का मुख्य कारण माना जा रहा है।
बता दें कि 15 सितंबर को भी बेंगलुरु ग्रामीण जिले के गोनाकानाहल्ली में आर्थिक तंगी से परेशान एक दंपति ने अपने दो बच्चों की गला दबाकर हत्या कर दी थी और बाद में खुद की जान लेने का प्रयास किया था। इसमें पिता शिवकुमार की मौत हो गई थी, जबकि मां मंजुला को बचा लिया गया था और बच्चों की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।