क्या 'मोंथा' चक्रवात के कारण आंध्र प्रदेश में सुरक्षा उपायों को कड़ा किया गया है?
सारांश
Key Takeaways
- बंगाल की खाड़ी में चक्रवात 'मोंथा' का खतरा।
- आंध्र प्रदेश में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात।
- समुद्री गतिविधियों पर रोक।
- लोगों से जल मार्ग से यात्रा से बचने की अपील।
- भारी बारिश की संभावना।
अमरावती, 26 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बंगाल की खाड़ी में उत्पन्न चक्रवाती तूफान 'मोंथा' के संभावित खतरे के मद्देनजर, आंध्र प्रदेश सरकार ने सुरक्षा इंतजामों को सख्त कर दिया है। सरकार ने तटीय जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की बचाव टीमें भेजी हैं और 19 जिलों में विशेष अधिकारी नियुक्त किए हैं। इसके साथ ही सभी समुद्री गतिविधियों और पर्यटन को तत्काल रोकने के निर्देश दिए गए हैं।
आंध्र प्रदेश आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रबंध निदेशक प्रकाश जैन ने बताया कि राज्य के तटीय क्षेत्रों में बचाव कार्यों के लिए आठ एनडीआरएफ और नौ एसडीआरएफ टीमों को तैनात किया गया है।
उन्होंने बताया कि इन टीमों को आपदा के समय तुरंत जवाब देने और प्रभावित लोगों की सहायता के लिए तैयार रखा गया है। विशेष रूप से कृष्णा जिले में स्थित एनडीआरएफ की 10वीं बटालियन को पीएसआर नेल्लोर, श्रीकाकुलम, डॉ. बीआर अंबेडकर कोनासीमा, काकीनाडा, पश्चिम गोदावरी और कृष्णा जिलों में भेजा गया है। इन जिलों को चक्रवात के प्रभाव से सबसे अधिक खतरा बताया गया है।
समुद्र में उठने वाली तेज लहरों के चलते सभी मत्स्य गतिविधियां और नाव संचालन पर रोक लगा दी गई है। तटीय क्षेत्रों में पर्यटकों के प्रवेश पर भी पाबंदी लगाई गई है।
आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने जनता से अपील की है कि वे 26 से 29 अक्टूबर तक जल मार्ग से यात्रा करने से बचें। यह कदम लोगों की सुरक्षा की दृष्टि से उठाया गया है।
बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव का क्षेत्र अब एक तेज चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि यह तूफान मंगलवार रात को काकीनाडा के तट से टकरा सकता है।
भारत मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार, तूफान के समय हवा की गति 90 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है और कभी-कभी यह 110 किलोमीटर प्रति घंटे तक भी पहुंच सकती है।
रविवार सुबह इस कम दबाव वाले क्षेत्र का केंद्र पोर्ट ब्लेयर से 610 किलोमीटर पश्चिम, चेन्नई से 850 किलोमीटर पूर्व-दक्षिणपूर्व, विशाखापत्तनम से 790 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व, काकीनाडा से 840 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व और गोपालपुर से 950 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व में स्थित था। इसका असर धीरे-धीरे आंध्र प्रदेश की ओर बढ़ रहा है।
सोमवार और मंगलवार को तटीय आंध्र प्रदेश में भारी बारिश की संभावना है। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने लोगों से सतर्क रहने और सुरक्षित स्थान पर रहने की अपील की है।
मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने चक्रवाती तूफान की स्थिति को देखते हुए अधिकारियों को संपत्ति की सुरक्षा के लिए आवश्यक तैयारियों का निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आवश्यक सेवाओं जैसे बिजली, पानी और अस्पताल सेवाओं को प्रभावित नहीं होने देने के लिए निर्देशित किया है। उन्होंने जिलों के कलेक्टर और पुलिस अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि आईएमडी ने लाल अलर्ट जारी किया है और सभी अधिकारियों को अत्यधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है।
चक्रवात का प्रभाव श्रीकाकुलम से लेकर तिरुपति जिलों तक हो सकता है, जहां 100 मिलीमीटर तक बारिश की संभावना है। मुख्यमंत्री ने जिलों के कलेक्टरों को राहत उपायों की योजना बनाने के निर्देश दिए हैं और आवश्यकता पड़ने पर स्कूल और कॉलेजों में छुट्टियां घोषित की जा सकती हैं। जानकारी को तुरंत जमीन स्तर तक पहुंचाया जाएगा। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें संवेदनशील जिलों में तैनात रहेंगी और काकीनाडा में मोबाइल अस्पताल तैयार रहेगा।