क्या कांकेर में 21 माओवादी आत्मसमर्पण करके शांति का रास्ता अपनाने जा रहे हैं?
सारांश
Key Takeaways
- 21 माओवादी ने आत्मसमर्पण किया।
- आत्मसमर्पण में हथियारों का समर्पण शामिल था।
- 13 महिला और 8 पुरुष कैडर ने निर्णय लिया।
- रिसोर्स और सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
- शांति की दिशा में एक और कदम उठाया गया।
कांकेर, 26 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ के बस्तर रेंज में स्थित कांकेर जिले में 'पूना मारगे: पुनर्वास से पुनर्जीवन' पहल के तहत 21 माओवादी कैडरों ने रविवार को अपने हथियारों के साथ आत्मसमर्पण करने का निर्णय लिया, जिससे वे समाज की मुख्यधारा में लौटने का इरादा रखते हैं।
आत्मसमर्पण करने वाले सभी माओवादी केशकल डिवीजन (नॉर्थ सब जोनल ब्यूरो) के कुएमारी/किसकोडो एरिया कमेटी से जुड़े हुए थे। इसमें संगठन का एक प्रमुख सदस्य डिवीजन कमेटी सेक्रेटरी मुकेश भी शामिल है। इस समूह में 4 डीवीसीएम (डिवीजन वाइस कमेटी मेंबर), 9 एसीएम (एरिया कमेटी मेंबर) और 8 पार्टी सदस्य हैं, जिन्होंने हिंसा का रास्ता छोड़ने का निर्णय लिया है।
आत्मसमर्पण करने वालों में 13 महिला और 8 पुरुष कैडर शामिल हैं। उन्होंने न केवल अपने हथियार छोड़े, बल्कि सशस्त्र और हिंसक विचारधारा से दूरी बनाते हुए शांति और प्रगति के मार्ग को अपनाने की इच्छा व्यक्त की है।
इन माओवादियों ने आत्मसमर्पण के समय कुल 18 हथियार पुलिस को सौंपे। जब्त किए गए हथियारों में 3 एके-47 राइफल, 4 एसएलआर राइफल, 2 इंसास राइफल, 6 अन्य राइफल, 2 सिंगल शॉट राइफल और 1 बीजीएल (ग्रेनेड लॉन्चर) शामिल हैं।
प्रशासन ने बताया कि इन कैडरों के पुनर्वास और समाज में पुनर्समावेशन के लिए विधिक प्रक्रिया प्रारंभ की जा चुकी है। संबंधित विभाग इन सभी के जीवन को नए सिरे से संवारने के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करेगा।
'पूना मारगे: पुनर्वास से पुनर्जीवन' पहल बस्तर क्षेत्र में माओवादियों को हिंसा छोड़ने और समाज में फिर से जुड़ने का एक सफल प्रयास साबित हो रहा है।
सुरक्षा बलों और प्रशासन का मानना है कि यह आत्मसमर्पण बस्तर में शांति स्थापना की दिशा में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।
अधिकारियों ने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले सभी कैडरों को पुनर्वास नीति के तहत पूर्ण सुरक्षा और सहायता दी जाएगी।