क्या पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान देश की 'विकसित भारत' की यात्रा में आधारशिला है?: पीयूष गोयल

सारांश
Key Takeaways
- पीएम गति शक्ति योजना ने निर्बाध कनेक्टिविटी को बढ़ावा दिया है।
- इसने लॉजिस्टिक्स लागत को कम किया है।
- यह इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
- 58 मंत्रालय इसमें शामिल हैं।
- यह विकसित भारत की ओर बढ़ने में सहायक है।
नई दिल्ली, 13 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान (एनएमपी) के चार वर्ष पूरे होने का स्वागत करते हुए कहा कि यह योजना 2047 में 'विकसित भारत' की दिशा में एक महत्वपूर्ण आधारशिला के रूप में कार्य कर रही है।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पीएम गति शक्ति को एक गेमचेंजिंग पहल बताया।
केंद्रीय मंत्री ने अपनी पोस्ट में लिखा, "पीएम गति शक्ति के 4 वर्ष पूरे होने पर, यह प्रधानमंत्री मोदी की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसने 'संपूर्ण सरकार' दृष्टिकोण के माध्यम से भारत की इंफ्रास्ट्रक्चर योजना को पूरी तरह से बदल दिया है।"
उन्होंने आगे कहा, "यह योजना मंत्रालयों, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और क्षेत्रों को एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर इंटीग्रेट कर परियोजना निष्पादन में गति, तालमेल और सस्टेनेबिलिटी लाने का कार्य कर रही है।"
केंद्रीय मंत्री गोयल ने लिखा, "निर्बाध कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक्स दक्षता को बढ़ावा देते हुए, पीएम गति शक्ति विकसित भारत की ओर हमारी यात्रा में एक आधारशिला है।"
पीएम मोदी ने 13 अक्टूबर 2021 को नई दिल्ली में मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए गति शक्ति-नेशनल मास्टर प्लान का शुभारंभ किया था। यह डिजिटल प्लेटफॉर्म गति शक्ति इंफ्रास्ट्रक्चर कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट्स के लिए योजना के कार्यान्वयन के लिए कोर्डिनेशन और इंटीग्रेटेड प्लानिंग के लिए विभिन्न मंत्रालयों को एक साथ लाता है।
अब तक 58 मंत्रालय/विभाग और सभी 36 राज्य/केंद्र शासित प्रदेश इसमें शामिल हो चुके हैं, और उनकी डेटा लेयर्स इंटीग्रेट हो चुकी हैं।
पीएम गति शक्ति योजना ने निर्बाध, मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी और त्वरित आर्थिक विकास की नींव रखी है। इस योजना ने भारत में बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं की योजना बनाने और कार्यान्वित करने के तरीके को नए सिरे से परिभाषित किया है।
नेशनल काउंसिल ऑफ अप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) की एक अध्ययन के अनुसार, भारत की लॉजिस्टिक्स लागत घटकर सकल घरेलू उत्पाद के 7.8-8.9 प्रतिशत के बीच आ गई है, जो पहले अनुमानित 13-14 प्रतिशत से काफी कम है। यह इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान की सफलता को दर्शाता है।
हाल की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश की लॉजिस्टिक्स लागत अभी भी विकसित अर्थव्यवस्थाओं में देखे गए 6-8 प्रतिशत के वैश्विक मानकों से ऊपर है।