क्या फ्रांस के पीएम सेबेस्टियन लेकोर्नु की वापसी के साथ नई कैबिनेट का गठन हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- लेकोर्नु ने पीएम पद पर वापसी की है।
- नई कैबिनेट में 34 मंत्री शामिल हैं।
- फ्रांस में जल्द ही बजट पेश होगा।
- राजनैतिक स्थिरता की आवश्यकता है।
- कैबिनेट में अनुभवी और युवा सांसद शामिल हैं।
नई दिल्ली, १३ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। फ्रांस के प्रधानमंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नु ने पीएम पद से इस्तीफा देने के बाद पुनः अपने पद पर लौटने का निर्णय लिया। अपनी वापसी के साथ ही, पीएम लेकोर्नु ने अपनी नई कैबिनेट के गठन की घोषणा की। ध्यान दें, फ्रांस में दिसंबर तक बजट पेश किया जाना है, और इससे पहले मैक्रों की पार्टी में हो रही उथल-पुथल को नियंत्रित किया जा रहा है।
न्यूज एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, फ्रांस के प्रधानमंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नु ने अपनी नई सरकार का ऐलान किया है, जिसमें राष्ट्रपति भवन के अनुसार कुल ३४ मंत्री शामिल हैं।
लेकोर्नु की कैबिनेट में लॉरेंट नुनेज को गृह मंत्री, जीन-पियरे फरांडौ को श्रम मंत्री, मोनिक बारबुट को पारिस्थितिक परिवर्तन मंत्री, एडौर्ड गेफ्रे को राष्ट्रीय शिक्षा मंत्री और कैथरीन वौट्रिन को रक्षा मंत्री नियुक्त किया गया है।
इसके अलावा, रोलैंड लेस्क्योर को एक बार फिर से फ्रांस के वित्त मंत्री के रूप में जिम्मेदारी दी गई है। जीन-नोएल बैरोट विदेश मंत्री के रूप में पद पर बने रहेंगे, और गेराल्ड दारमानिन ने न्याय मंत्रालय में अपनी स्थिति बरकरार रखी है।
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, लेकोर्नु ने एलिसी पैलेस में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात की। इस बैठक के दौरान, लेकोर्नु ने अपनी सरकार में अनुभवी और युवा सांसदों के साथ-साथ नागरिक समाज के लोगों को शामिल करने का प्रस्ताव रखा।
गौरतलब है कि पीएम लेकोर्नु ने अपनी प्रारंभिक नियुक्ति के एक महीने से भी कम समय बाद और अपने पहले मंत्रिमंडल के एक हिस्से की घोषणा के ठीक एक दिन बाद, सोमवार को इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, राजनीतिक तनाव के बीच शुक्रवार को उन्हें पुनः प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया।
बता दें, २७ दिनों के कार्यकाल के बाद लेकोर्नु ने इस्तीफा दिया था। इस अवधि में करीब दो सालों में ५ प्रधानमंत्रियों ने इस्तीफा दिया। ऐसे में राष्ट्रपति मैक्रों के ऊपर उनकी पार्टी के सदस्य इस्तीफे का दबाव बनाने लगे। हालांकि, पीएम लेकोर्नु ने अपनी वापसी के साथ यह स्पष्ट किया कि फ्रांस की सरकार पार्टी झगड़ों से मुक्त होगी।