क्या केला ही नहीं, ये चीजें भी हैं पोटैशियम के पावरहाउस, डाइट में क्यों शामिल करें?

सारांश
Key Takeaways
- पोटैशियम शरीर के लिए आवश्यक है और इसे सही मात्रा में लेना चाहिए।
- यह दिल और मांसपेशियों के कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- हाई ब्लड प्रेशर के लिए कम सोडियम और ज्यादा पोटैशियम का सेवन फायदेमंद है।
- पोटैशियम की कमी से कई स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं।
- प्राकृतिक स्रोतों से पोटैशियम लेना हमेशा बेहतर होता है।
नई दिल्ली, 13 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पोटैशियम एक ऐसा खनिज है, जिसे सही अर्थों में शरीर का ‘साइलेंट हीरो’ कहा जा सकता है।
आयुर्वेद में इसे क्षार तत्व के रूप में जाना जाता है, जो वात और पित्त दोष को संतुलित करता है और शरीर की ऊर्जा धारा को सही दिशा में बनाए रखता है। यह एक महत्वपूर्ण इलेक्ट्रोलाइट खनिज है जो दिल की धड़कन, मांसपेशियों की गतिविधियों, दिमाग के संकेत भेजने की प्रक्रिया और शरीर में पानी का संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
पोटैशियम दिल के लिए एक सुरक्षा कवच की तरह कार्य करता है। यह हृदय की मांसपेशियों को नियमित रूप से संकुचित करने में सहायता करता है, जिससे धड़कन सामान्य बनी रहती है। इसकी कमी से दिल की धड़कन में असमानता आ सकती है या हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ सकता है।
इसके अलावा, यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है, क्योंकि यह सोडियम के प्रभाव को संतुलित करता है। इसलिए हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों के लिए यह एक मंत्र है- कम सोडियम और ज्यादा पोटैशियम।
पोटैशियम मांसपेशियों और तंत्रिका तंत्र के सही तालमेल में भी मदद करता है। थकान, कमजोरी, चिड़चिड़ापन या भ्रम जैसी समस्याएं कई बार इसकी कमी के कारण होती हैं। इसके अलावा, यह किडनी को स्वस्थ रखने में मदद करता है और शरीर से एसिडिक वेस्ट को बाहर निकालता है।
एक वयस्क व्यक्ति को रोजाना लगभग 3500-4700 मिलीग्राम पोटेशियम की आवश्यकता होती है। बच्चों, किशोरों और गर्भवती महिलाओं में यह मात्रा थोड़ी भिन्न हो सकती है। पोटेशियम की कमी को हाइपोकैलिमिया कहा जाता है, जिसमें मांसपेशियों में ऐंठन, थकावट, कब्ज, अनियमित धड़कन, सुस्ती या यहां तक कि सांस लेने में दिक्कत भी हो सकती है। लंबे समय तक इसकी कमी से हृदय, गुर्दे और नर्वस सिस्टम पर बुरा असर पड़ सकता है।
अच्छे प्राकृतिक स्रोतों की बात करें तो पोटेशियम आपको केला, संतरा, नारियल पानी, पालक, शकरकंद, मूंग दाल, दही, खजूर और किशमिश से भरपूर मात्रा में मिल सकता है।
हर केला लगभग 422 मिलीग्राम पोटेशियम प्रदान करता है, यानी दो केले से आपकी दिनभर की आवश्यकता का करीब 20 प्रतिशत हिस्सा पूरा हो जाता है।