क्या सीबीआई ने कानपुर के स्कूल प्रिंसिपल को रिश्वत मामले में 4 साल की जेल की सजा दिलवाई?

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क्या सीबीआई ने कानपुर के स्कूल प्रिंसिपल को रिश्वत मामले में 4 साल की जेल की सजा दिलवाई?

सारांश

कानपुर के प्रिंसिपल तसद्दुक खान को सीबीआई ने रिश्वत मांगने के मामले में चार साल की जेल की सजा दी है। यह मामला 2016 में एक प्राइवेट कंपनी के मालिक की शिकायत पर शुरू हुआ था। इस मामले की जांच के बाद कोर्ट ने आरोपी को दोषी ठहराया। जानें इस मामले की पूरी जानकारी यहां।

Key Takeaways

  • कानपुर के प्रिंसिपल को रिश्वतखोरी के मामले में सजा मिली।
  • सीबीआई ने 2016 में शिकायत के आधार पर जांच की।
  • कोर्ट ने आरोपी को दोषी ठहराया और सजा सुनाई।
  • भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।
  • अन्य मामलों में भी सीबीआई ने कार्रवाई की है।

लखनऊ, 13 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। वर्ष 2016 में रिश्वत मांगने के आरोप में कानपुर के एक प्रिंसिपल को सीबीआई कोर्ट ने अब सजा सुनाई है। इस मामले में एक प्राइवेट कंपनी के मालिक ने शिकायत की थी, जिसके आधार पर सीबीआई ने जांच की और प्रिंसिपल को दोषी पाया।

कानपुर की एक प्राइवेट कंपनी के मालिक की शिकायत पर तसद्दुक खान, जो उस समय केंद्रीय विद्यालय-I, एयर फोर्स स्टेशन, चकेरी, कानपुर के प्रिंसिपल थे, के खिलाफ मामला दायर किया गया।

इस मामले की जांच के 9 साल बाद अंततः कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया और आरोपी प्रिंसिपल को दोषी ठहराया।

लखनऊ की सीबीआई कोर्ट ने 12 दिसंबर को तसद्दुक खान को रिश्वतखोरी के मामले में चार साल की जेल और एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। सीबीआई ने 24 अगस्त 2016 को कानपुर की एक प्राइवेट कंपनी के मालिक की शिकायत पर तसद्दुक खान के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

आरोप था कि तसद्दुक खान ने शिकायतकर्ता से 51,000 रुपये का अनुचित लाभ मांगा और पहले से किए गए 1,73,430 रुपये के पेमेंट के बदले और भविष्य में स्कूल कैंटीन को सुचारू रूप से चलाने के लिए 25,000 रुपये रिश्वत के तौर पर मांगे थे।

जांच पूरी होने के बाद, सीबीआई ने 30 सितंबर 2016 को आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दायर की। कोर्ट ने ट्रायल के बाद आरोपी को दोषी ठहराया और उसी के अनुसार सजा सुनाई।

एक अलग मामले में, सीबीआई ने शुक्रवार को केरल की एक पूर्व सब-पोस्टमास्टर को गिरफ्तार किया, जो कोर्ट द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद भी फरार चल रही थी। कोर्ट ने उसे 2.73 लाख रुपये की हेराफेरी का दोषी ठहराया था।

अधिकारी ने एक बयान में कहा कि दोषी जयश्री राजकुमार, जो उस समय केरल के वायनाड जिले के पुलपल्ली सब-पोस्ट ऑफिस की सब-पोस्टमास्टर थी, को मलप्पुरम जिले के कुट्टीपुरम से हिरासत में लिया गया। बयान में कहा गया है कि आरोपी को सीबीआई, एर्नाकुलम के स्पेशल जज-II की कोर्ट में पेश करने के बाद, जज ने उसे सेंट्रल जेल, त्रिशूर भेज दिया।

Point of View

बल्कि समाज के अन्य क्षेत्रों में भी इसका व्यापक असर होता है। ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई से उम्मीद की जाती है कि भविष्य में भ्रष्टाचार पर नियंत्रण पाया जा सकेगा।
NationPress
13/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या तसद्दुक खान को जेल की सजा मिली है?
हाँ, तसद्दुक खान को सीबीआई कोर्ट ने चार साल की जेल की सजा सुनाई है।
यह मामला कब शुरू हुआ था?
यह मामला साल 2016 में शुरू हुआ था।
सीबीआई ने क्यों कार्रवाई की?
सीबीआई ने एक प्राइवेट कंपनी के मालिक की शिकायत के आधार पर कार्रवाई की।
क्या तसद्दुक खान पर रिश्वत मांगने का आरोप था?
हाँ, उन पर रिश्वत मांगने का आरोप था जिसमें उन्होंने 51,000 रुपये का अनुचित लाभ मांगा।
क्या अन्य मामले में भी सीबीआई ने कार्रवाई की?
हाँ, सीबीआई ने एक पूर्व सब-पोस्टमास्टर को गिरफ्तार किया है जो हेराफेरी के मामले में फरार थी।
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