क्या मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपने पैतृक गांव का दौरा कर ग्रामीणों से बातचीत की?
सारांश
Key Takeaways
- पैतृक गांव का दौरा मुख्यमंत्री का एक महत्वपूर्ण कदम है।
- गुटबाजी के खिलाफ आवाज उठाई गई।
- सरकारी स्कूलों में पीटीएम की पहल की गई।
चंडीगढ़, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार को संगरूर जिले के अपने पैतृक गांव सतौज का दौरा किया, जहाँ उन्होंने ग्रामीणों के साथ संवाद किया और गांव से जुड़ी अपनी यादें साझा कीं।
अपने दौरे के दौरान, मुख्यमंत्री ने पंचायत प्रतिनिधियों और स्थानीय निवासियों से मुलाकात करते हुए कहा कि उन्हें अपने पैतृक गांव पर गर्व है।
उन्होंने कहा कि वे भाषण देने नहीं, बल्कि लोगों के सुख-दुख में शामिल होने आए हैं।
मुख्यमंत्री मान ने कहा कि अपने पैतृक गांव में बिताए पल उन्हें अपार ख़ुशी देते हैं और गांव ने जो प्यार और स्नेह उन्हें दिया है, उसके लिए वे हमेशा आभारी रहेंगे।
मुख्यमंत्री ने सभी गांवों से गुटबाजी से ऊपर उठकर विकास पर ध्यान देने की अपील की, यह कहते हुए कि एकता समृद्धि लाती है और विकास के लिए गांवों में सांप्रदायिक सद्भाव और भाईचारे को बनाए रखना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि कुछ नेता अपने व्यक्तिगत स्वार्थों के लिए गांवों में गुट बनाते हैं, और यह गुटबाजी अंततः विकास में बाधा डालती है।
मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत में अभिभावकों से निवेदन किया कि वे राज्यभर के सभी 19,000 सरकारी स्कूलों में 20 दिसंबर को आयोजित होने वाली मेगा पेरेंट-टीचर मीटिंग (पीटीएम) में सक्रिय रूप से भाग लें।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार सरकारी स्कूलों में पीटीएम शुरू करने वाली पहली सरकार है और अभिभावकों ने इसका स्वागत किया है।
उन्होंने आगे बताया कि यह पहल छात्रों को भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करने में सहायक होगी।
सीएम मान ने कहा कि पीटीएम से अभिभावकों को शिक्षकों के साथ सीधे संवाद के माध्यम से अपने बच्चों की रुचियों और प्रगति को समझने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रधानाचार्यों और शिक्षकों को सिंगापुर एवं फिनलैंड जैसे देशों में विश्व स्तरीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
उन्होंने यह भी बताया कि आईआईएम अहमदाबाद में शिक्षकों को उन्नत प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।