क्या सत्य साईं बाबा शांति और प्रेम के महान दूत हैं? - उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन

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क्या सत्य साईं बाबा शांति और प्रेम के महान दूत हैं? - उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन

सारांश

उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने सत्य साईं बाबा को शांति और प्रेम का दूत बताया, जिन्होंने मानवता की सेवा में अपना जीवन समर्पित किया। उनकी शिक्षाएं आज भी लाखों लोगों को प्रेरित कर रही हैं। जानिए इस महान विभूति के योगदानों के बारे में अधिक।

Key Takeaways

  • सत्य साईं बाबा का जीवन मानवता की सेवा में समर्पित रहा है।
  • उनकी शिक्षाएं आज भी प्रेरणादायक हैं।
  • उपराष्ट्रपति ने समाज में सद्भाव की आवश्यकता पर जोर दिया।
  • बाबा का योगदान स्वास्थ्य सेवाओं में महत्वपूर्ण रहा है।
  • भारत नवाचार का वैश्विक केंद्र बनता जा रहा है।

पुट्टपर्थी (आंध्र प्रदेश), 23 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने रविवार को श्री सत्य साईं बाबा को शांति, प्रेम और निस्वार्थ सेवा का महान दूत बताया।

एसएसएस हिल व्यू स्टेडियम में सत्य साईं बाबा के शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सार्वभौमिक शिक्षाएं, 'सबसे प्रेम करो, सबकी सेवा करो' और 'सदैव सहायता करो, कभी किसी को दुःख न पहुंचाओ', दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रेरित करती रहती हैं।

उन्होंने कहा कि बाबा ने जाति, धर्म और राष्ट्रीयता की बाधाओं से परे मानवता के उत्थान के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया और सत्य, धर्म, शांति, प्रेम और अहिंसा के मूल्यों को अपनाया।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि कलह के स्थान पर सद्भाव और स्वार्थ के स्थान पर त्याग का आह्वान आज के अनिश्चित और संघर्षग्रस्त विश्व में पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक है।

उन्होंने तेलुगु गंगा नहर के पुनरुद्धार और चेन्नई को पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने में बाबा के महत्वपूर्ण योगदान पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा कार्य है जिसकी तमिलनाडु के लोग बहुत सराहना करते हैं।

उपराष्ट्रपति ने श्री सत्य साईं सेंट्रल ट्रस्ट के स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और सामाजिक कल्याण में परिवर्तनकारी योगदान के लिए सराहना की, जिसमें शुल्क-मुक्त मूल्य-आधारित शिक्षा, ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाएं और मानवीय कार्य शामिल हैं।

इस कार्यक्रम में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू, तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी, त्रिपुरा के राज्यपाल एन. इंद्र सेना रेड्डी, श्री सत्य साईं संगठन और श्री सत्य साईं केंद्रीय ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित थे।

राधाकृष्णन ने शनिवार को श्री सत्य साईं उच्च शिक्षा संस्थान के 44वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया।

स्नातकों को संबोधित करते हुए उन्होंने सत्य साईं बाबा की उस शिक्षा प्रणाली के दृष्टिकोण को याद किया जहां सेवा जीवन का एक तरीका है। उन्होंने संस्थान के चरित्र निर्माण, ज्ञान और सभी धर्मों के प्रति सम्मान पर केंद्रित होने की सराहना की।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत अभूतपूर्व प्रगति के शिखर पर खड़ा है और नवाचार के वैश्विक केंद्र और सतत विकास के प्रतीक के रूप में उभर रहा है।

Point of View

यह स्पष्ट होता है कि आज की दुनिया में उनके विचार और शिक्षाएं कितनी महत्वपूर्ण हैं। यह आवश्यक है कि हम उनके संदेशों को अपनाएं और समाज में शांति और सद्भाव को बढ़ावा दें।
NationPress
23/11/2025

Frequently Asked Questions

सत्य साईं बाबा का जीवन क्या दर्शाता है?
सत्य साईं बाबा का जीवन निस्वार्थ सेवा, प्रेम और मानवता के उत्थान का प्रतीक है।
उपराष्ट्रपति ने सत्य साईं बाबा के योगदान पर क्या कहा?
उपराष्ट्रपति ने कहा कि बाबा ने जाति, धर्म, और राष्ट्रीयता से परे मानवता की सेवा की।
सत्य साईं बाबा की शिक्षाएं किस प्रकार की हैं?
उनकी शिक्षाएं प्रेम, सेवा और अहिंसा पर आधारित हैं।
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