क्या छत्तीसगढ़ में माओवादियों की साजिश नाकाम हो गई?
सारांश
Key Takeaways
- छत्तीसगढ़ में माओवादियों की साजिश नाकाम हुई।
- सुरक्षा बलों ने 10 किलोग्राम का आईईडी निष्क्रिय किया।
- यह कार्रवाई नक्सल-विरोधी अभियानों की सफलता को दर्शाती है।
रायपुर/बीजापुर, 29 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में सोमवार को माओवादियों को एक बड़ा झटका लगा है। बीजापुर जिला रिजर्व गार्ड, गंगालूर पुलिस स्टेशन के कर्मियों और बम निरोधक दस्ते की एक संयुक्त टीम ने सोमवार को मुंगा-पेद्दाकोर्मा क्षेत्र में तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान माओवादियों द्वारा लगाए गए 10 किलोग्राम के शक्तिशाली आईईडी का सफलतापूर्वक पता लगाकर उसे निष्क्रिय कर दिया गया।
यह अभियान सुबह बीजापुर जिले के घने जंगलों में संवेदनशील रास्तों और गांवों को सुरक्षित करने के लिए चल रहे नक्सल-विरोधी अभियानों के तहत शुरू किया गया था। बीजापुर वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ लंबे समय से चल रही लड़ाई में सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक है।
मुंगा रोड के पास एक फुटपाथ पर नियमित रूप से बारूदी सुरंगों को हटाने और क्षेत्र की स्वच्छता के दौरान, सतर्क टीम ने रणनीतिक रूप से दबाए गए आईईडी को देखा, जिसका उद्देश्य गुजरने वाले सुरक्षा गश्ती दल या नागरिक वाहनों को निशाना बनाना था। बीजापुर के बम निरोधक दस्ते ने तुरंत मौके पर ही विस्फोटक को निष्क्रिय कर दिया, जिससे माओवादियों के मंसूबों पर पानी फिर गया।
पुलिस ने बताया कि यह दस किलोग्राम वजनी उपकरण बड़ा विध्वंसक साबित हो सकता था, जिससे व्यापक स्तर पर जनहानि हो सकती थी।
यह अभियान छत्तीसगढ़ में माओवादी विरोधी अभियानों में आई तेजी को दर्शाता है, जिसमें हाल के हफ्तों में विस्फोटकों और गुप्त ठिकानों की लगातार बरामदगी हुई है।
मुंगा-पेद्दाकोर्मा क्षेत्र में अतिरिक्त जाल या छिपने के ठिकानों का पता लगाने के लिए तलाशी अभियान और क्षेत्र पर नियंत्रण के अभ्यास जारी हैं। अधिकारियों का मानना है कि इन सक्रिय उपायों से माओवादियों की रसद आपूर्ति और मनोबल कमजोर होंगे, जिससे भारत के सबसे चुनौतीपूर्ण आंतरिक सुरक्षा क्षेत्रों में से एक में स्थायी शांति और तीव्र विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।
यह घटना रविवार को पास के कंदलपर्ती में मिली इसी तरह की सफलताओं के बाद हुई है, जहां सुरक्षा बलों ने एक और आईईडी को निष्क्रिय किया और सामग्री का एक जखीरा जब्त किया।
-राष्ट्र प्रेस
एमएस/एबीएम