क्या केरल में सबरीमाला सोना चोरी मामले में एसआईटी ने चौथी गिरफ्तारी की?

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क्या केरल में सबरीमाला सोना चोरी मामले में एसआईटी ने चौथी गिरफ्तारी की?

सारांश

केरल में सबरीमाला सोने की चोरी की घटना ने एक बार फिर से सुरक्षा और जिम्मेदारी के सवाल उठाए हैं। एसआईटी ने चौथी गिरफ्तारी कर दी है, जिस पर सवाल खड़े होते हैं। क्या इस मामले में और भी गहराई है?

Key Takeaways

  • सबरीमाला मंदिर में सोने की चोरी की घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।
  • एसआईटी द्वारा की गई चार गिरफ्तारियां इस मामले की गंभीरता को दर्शाती हैं।
  • बिजू की भूमिका पर गंभीरता से जांच की जा रही है।
  • जांच में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना आवश्यक है।

कोच्चि, 6 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। सबरीमाला गोल्ड प्लेटिंग चोरी मामले की जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने गुरुवार को त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (टीडीबी) के एक पूर्व कर्मचारी केएस बिजू को गिरफ्तार किया। यह इस मामले में चौथी गिरफ्तारी है।

2019 में मंदिर के कुछ हिस्सों पर नई परत चढ़ाने के लिए भेजा गया सोना गायब हो गया था। सातवें आरोपी बिजू को गिरफ्तार किया गया है। उस समय वह जिम्मेदार अधिकारी थे और चेन्नई की प्राइवेट कंपनी स्मार्ट क्रिएशंस को सोने की प्लेटें भेजने के लिए जिम्मेदार थे।

जानकारी के अनुसार, जिस दिन सोने की प्लेटें मंदिर से चेन्नई भेजी गईं, उस दिन बिजू छुट्टी पर थे। इससे नियमों और निगरानी की खामियों पर सवाल उठ रहे हैं।

केरल हाई कोर्ट ने जांच टीम की दूसरी रिपोर्ट देखने के बाद आगे की जांच का आदेश दिया था और ठीक एक दिन बाद यह गिरफ्तारी हुई है।

कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया था कि जांच में साफ तौर पर जवाबदेही तय होनी चाहिए और मंदिर के सोने को संभालने में किसी भी अधिकारी की लापरवाही का पता चलना चाहिए।

सूत्रों के अनुसार, एसआईटी शुक्रवार को रानी मजिस्ट्रेट कोर्ट में जाकर फिलहाल ज्यूडिशियल रिमांड में बंद दो आरोपियों की कस्टडी मांगेगी, ताकि बिजू के साथ मिलकर उनसे पूछताछ की जा सके।

पहले से गिरफ्तार लोगों में मुख्य आरोपी 'स्पॉन्सर' उन्नीकृष्णन पोत्ती, त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (टीडीबी) का मौजूदा कर्मचारी मुरारी बाबू और पूर्व कर्मचारी सुधेश कुमार शामिल हैं।

जांचकर्ताओं का मानना है कि बाबू और कुमार की मौजूदगी में बिजू से पूछताछ करने से सोने के गायब होने की पूरी घटनाक्रम समझने में मदद मिलेगी। यह सोना मंदिर के गर्भगृह को ढकने के लिए इस्तेमाल होता था और री-प्लेटिंग की प्रक्रिया के दौरान गायब हुआ।

एसआईटी को शक है कि असली सोने की चादरें हटा दी गईं और उनकी जगह नकली या चोरी किया हुआ सोना लगा दिया गया, जो परिवहन या री-प्लेटिंग के समय चुराया गया था।

बिजू मंदिर की संपत्ति के संरक्षक थे और सोने की प्लेटें ट्रांसफर होने के दिन वे गायब थे, इसलिए अब उनकी भूमिका पर गंभीर जांच हो रही है। एसआईटी जांच कर रही है कि क्या उनकी यह अनुपस्थिति लापरवाही थी या चोरी में साथ दिया गया।

Point of View

बल्कि यह भी दर्शाती है कि धार्मिक संस्थानों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही कितनी महत्वपूर्ण है। हमें चाहिए कि हम इस मामले की गहराई से जांच करें ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
NationPress
06/11/2025

Frequently Asked Questions

सबरीमाला सोना चोरी मामले में अब तक कितनी गिरफ्तारियां हो चुकी हैं?
इस मामले में चार गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।
क्या केएस बिजू की भूमिका इस मामले में महत्वपूर्ण है?
जी हां, बिजू इस मामले में एक महत्वपूर्ण आरोपी हैं और उनकी भूमिका की जांच की जा रही है।
इस चोरी के पीछे क्या वजह हो सकती है?
जाँचकर्ताओं का मानना है कि सोने की असली चादरें हटाकर नकली या चोरी का सोना लगाया गया।